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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, राजकोषीय घाटा इस समय चिंता का विषय नहीं है

राजीव कुमार ने कहा कि रेपो रेट में कटौती के सरकार के फैसले से त्योहारी सीजन के दौरान उपभोग की मांग बढ़ेगी.

राजीव कुमार | फोटो : दिप्रिंट

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रमुख ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती करने की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार के हालिया वित्तीय उपायों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास दर बेहतर रहने की संभावना है.

राजीव कुमार ने विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘आरबीआई ने अच्छा काम किया है. इससे सरकार द्वारा पहले ही उठाए गए कदमों को पूरी तरह से बढ़ावा मिलेगा. हम उम्मीद करते हैं कि रेपो रेट में कटौती के सरकार के फैसले से त्योहारी सीजन के दौरान उपभोग मांग बढ़ेगी.’

सरकार का विचार मंच नीति आयोग का मानना है कि आरबीआई के रेपो रेट में कटौती किए जाने और सरकार द्वारा किए गए वित्तीय उपायों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (अक्टूबर-मार्च) के दौरान आर्थिक विकास दर बेहतर रह सकती है.

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि रेपो रेट में की गई कटौती और सरकार के कतिपय वित्तीय उपायों से निश्चित रूप से दूसरी और तीसरी तिमाही में आरबीआई का विकास दर अनुमान (चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में पांच फीसदी से) अधिक रह सकता है. जहां तक दूसरी छमाही की आर्थिक विकास दर का सवाल है जिसके बारे में आरबीआई ने क्रमश: 6.6 फीसदी और 7.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, मेरा मानना है कि वह अधिक रह सकती है.’

उन्होंने कहा कि अगर दूसरी छमाही में आर्थिक विकास दर थोड़ी भी अधिक रहती है तो इससे पूरे साल की आर्थिक विकास दर में कमी की भरपाई हो जाएगी, जिसे आरबीआई ने 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

कुमार ने कहा, ‘अगर मुद्रास्फीति में थोड़ी वृद्धि भी होती है, लेकिन यह आरबीआई के चार फीसदी के लक्ष्य के अधीन रहती है तो यह अनुकूल रहेगी. राजकोषीय घाटा वास्तव में इस समय चिंता का विषय नहीं है.’

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