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केंद्र और किसान संगठनों के बीच नौवें दौर की वार्ता बेनतीजा, अगली बैठक 19 जनवरी को

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता में शामिल थे.

सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन करते किसान/फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच नौवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा साबित हुई. अब अगली बैठक 19 जनवरी को दिन में 12 बजे से होगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘किसान यूनियन के साथ 9वें दौर की वार्ता समाप्त हुई. तीनों कानूनों पर चर्चा हुई. आवश्यक वस्तु अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई. उनकी शंकाओं के समाधान की कोशिश की गई.’

उन्होंने कहा, ‘यूनियन और सरकार ने तय किया की 19 जनवरी को 12 बजे फिर से चर्चा होगी.’

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश तिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी की हमारी मांग अभी भी बनी हुई है.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमिटी के सामने हम लोग नहीं जाएंगे.

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तीन नये कृषि कानूनों पर एक महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध को दूर करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच नौंवे दौर की वार्ता शुरू हुई थी.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता में शामिल थे.

इससे पहले, आठ जनवरी को हुई वार्ता बेनतीजा रही थी. पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं के पास पिछले एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

आठ जनवरी की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका था क्योंकि केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया और दावा किया कि इन सुधारों को देशव्यापी समर्थन प्राप्त है. वहीं किसान नेताओं ने कहा कि वह अंत तक लड़ाई के लिये तैयार है और कानूनी वापसी के बिना घर वापसी नहीं होगी.

किसान संगठनों और केंद्र के बीच 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में दो मांगों पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और बिजली पर सब्सिडी जारी रखने को लेकर सहमति बनी थी.

(भाषा के इनपुट के साथ)


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