नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को अलगाववादी नेता मसर्रत आलम भट को पूछताछ के लिए दिल्ली ले लाई है.
दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार भट अलगाववादी ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के महासचिव और सैयद अली शाह गिलानी के संभावित उत्तराधिकारी हो सकता है. उसको जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक टीम द्वारा जम्मू से नई दिल्ली लाया गया है. मंगलवार को एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.
सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि ‘एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के आतंकी फंडिंग मामले में भट से पूछताछ करने के लिए हिरासत में लिया है.
2017 की एनआईए की जांच में आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण, सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों को जलाने और जम्मू-कश्मीर में सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने के जिम्मेदार लोगों की पहचान करना है.
इस मामले में जमात-उद-दावा के पाकिस्तान स्थित प्रमुख हाफिज सईद और प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा को आरोपी बनाया गया है. इसमें अलगाववादी संगठनों जैसे हुर्रियत कांफ्रेंस के गुटों और दुख्तरान-ए-मिलत और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों का भी नाम है.
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कौन हैं मसर्रत आलम भट?
भट को पहली बार 1990 की गर्मियों में श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था और तब से अब तक 48 वर्षीय भट ने जम्मू और कश्मीर पुलिस के ‘प्रिवेंटिव डिटेंशन’ कानून में कई साल जेल में बिता चुका है.
भट की अध्यक्षता में जम्मू और कश्मीर मुस्लिम लीग, गिलानी के नेतृत्व वाले अलगाववादी समूह का एक घटक सदस्य संगठन है.
भट 2008-2010 के आंदोलन के दौरान मशहूर हो गया. अपनी गतिविधियों को शुरू करने के दो दशक बाद घाटी में विरोध प्रदर्शन और व्यवस्थित पथराव में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई. इस आंदोलन में 120 से अधिक लोग मारे गए और कई घायल हुए.
भट को उसके राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के कारण अक्टूबर 2010 में श्रीनगर के बाहरी इलाके हरवान क्षेत्र में गिरफ्तार किया गया था. उस समय सूत्रों ने कहा था कि वह ‘सीमा पार के आकाओं’ के साथ तगड़े संपर्क में था.
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