नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी के तीन लैंडफिल स्थलों पर कचरे की मात्रा में पिछले साल की तुलना में इस साल लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में अप्रैल 2021 में औसतन 10,990 टन प्रति दिन (टीपीडी) ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) उत्पन्न हुआ। इसमें से 5,457 टीपीडी (49.65 प्रतिशत) को एमएसडब्ल्यू प्रसंस्करण इकाइयों में उपचारित किया गया था। इसके अलावा 5,533 टीपीडी (50.35 प्रतिशत) भलस्वा, गाजीपुर और ओखला के लैंडफिल स्थलों में पहुंचाया गया।
इस साल अप्रैल तक एमएसडब्ल्यू की मात्रा बढ़कर 11,293 टीपीडी हो गयी जिसमें से केवल 4,929 टीपीडी (43.6 प्रतिशत) को उपचारित किया गया। शेष (6,366 टीपीडी) लैंडफिल तक पहुंचाया गया। इस प्रकार कचरे की मात्रा में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
शहर में अपशिष्ट से ऊर्जा (डब्ल्यूटीई) बनाने वाले तीन संयंत्र हैं जो भलस्वा, ओखला और गाजीपुर में स्थित हैं। इन संयंत्रों में बिजली के उत्पादन के लिए 4,550 टीपीडी कचरे का इस्तेमाल हो सकता है।
भाषा
फाल्गुनी अविनाश
अविनाश
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