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दिल्ली में 75 माइक्रॉन्स से पतली पॉलिथीन थैलियों का इस्तेमाल अब और नहीं, NDMC ने लगाया बैन

एक अधिकारी ने बताया कि एनडीएमसी की इस साल एक जुलाई से वर्जिन या पुन: इस्तेमाल होने वाली थैलियों और 100 माइक्रॉन्स से पतली पॉलीस्ट्रीन सामग्री समेत अन्य प्लास्टिक के सामान के उपयोग पर भी पाबंदी लगाने की योजना है.

एक शख्स पॉलिथिन लिए हुए | कॉमन्स

नई दिल्ली: नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने अपने क्षेत्र में 75 माइक्रॉन्स से कम मोटाई वाली पॉलिथीन थैलियों के इस्तेमाल पर बुधवार को पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया और इसका उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

एक अधिकारी ने बताया कि एनडीएमसी की इस साल एक जुलाई से वर्जिन या पुन: इस्तेमाल होने वाली थैलियों और 100 माइक्रॉन्स से पतली पॉलिस्ट्रीन सामग्री समेत अन्य प्लास्टिक के सामान के उपयोग पर भी पाबंदी लगाने की योजना है.

उन्होंने बताया कि प्रतिबंध इन गैर-अपघटनीय प्रदूषित सामग्री के विनिर्माण, भंडारण, बिक्री और वितरण पर भी लागू होगा.

एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एनडीएमसी कानून, 1994 के अनुच्छेद 12 के उपखंड (जेड) के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए एनडीएमसी ने अब से 75 माइक्रॉन्स से कम की प्लास्टिक थैलियों (वर्जिन या पुन: चक्रण) की बिक्री, इस्तेमाल, भंडारण और वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है.’

उन्होंने बताया कि उल्लंघनकर्ताओं को 5,000 रुपये का पर्यावरणीय हर्जाना देना होगा.

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उन्होंने कहा, ‘प्लास्टिक की डंडियों के साथ ईयरबड, गुब्बारों के लिए डंडियों, प्लास्टिक के झंड़ों, टोफियों की डंडियों, आइसक्रीम की डंडियों, सजावट के लिए थर्माकॉल, प्लेट, कप, गिलास, चम्मच, चाकू, पाइप, ट्रे वाली कटलरी जैसे एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के सामान. मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण पत्रों, सिगरेट के पैकेट को पैक करने वाली पन्नियों, 100 माइक्रॉन्स से कम मोटाई वाली प्लास्टिक या पीवीसी बैनरों का इस्तेमाल एनडीएमसी क्षेत्र में निषिद्ध होगा.’

नगर निगम ने आरडब्ल्यूए, एमटीए, एनजीओ के साथ ही सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों से गलियों, सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से प्लास्टिक का कचरा खत्म करने की एनडीएमसी की पहल में शामिल होने का अनुरोध भी किया है.

भाषा गोला नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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