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नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को तीन तरफ से घेरकर, कई घंटे तक मशीन गन, IED से बोला हमला : अधिकारी

सुरक्षा बलों के करीब 1,500 जवानों की एक टुकड़ी ने बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा के आसपास के क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना पर तलाशी और उन्हें खत्म करने का अभियान शुरू किया था.

बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज नक्सली हमले को लेकर जानकारी देते हुए.

नयी दिल्ली/रायपुर : छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों पर घात लगाकर किये गए नक्सली हमले में करीब 400 नक्सली शामिल थे जिसमें कम से कम 22 जवान मारे गए. इन नक्सलियों ने उस इलाके में सुरक्षा बलों को तीन ओर से घेरकर उन पर कई घंटे तक मशीन गन और आईईडी से हमला किया. यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी.

माना जाता है कि इस मुठभेड़ में 10-12 नक्सली भी मारे गए हैं.

वहीं सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह का कहना है कि बीजापुर में 25-30 ज्यादा नक्सली मारे गए हैं.

बस्तर के आईजी पी सुदंरराज ने ताजा अपडेट देते हुए बताया कि सभी मारे गए 22 जवानों के शव को बरामद कर लिया गया है. 31 घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सभी की हालत स्थिर है. कोबरा बटालियन का एक जवान लापता है जिसको लेकर खोजबीन अभियान जारी है.

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सुरक्षा बलों के करीब 1,500 जवानों की एक टुकड़ी ने बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा के आसपास के क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना पर तलाशी और उन्हें नष्ट करने का अभियान शुरू किया था. इस टुकड़ी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशेष इकाई ‘कोबरा’ के जवान, इसकी नियमित बटालियनों की कुछ टीमें, इसकी बस्तरिया बटालियन की एक इकाई, छत्तीसगढ़ पुलिस से संबद्ध जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और अन्य जवान शामिल थे.

अधिकारियों ने बताया कि इस गुप्त सूचना पर शनिवार तड़के करीब 790 जवान जगरगुंडा-जोंगागुड़ा-तर्रेम क्षेत्र में रवाना हुए कि नक्सली अपना एक आक्रामक अभियान शुरू कर रहे हैं.

एक अधिकारी ने कहा कि सबसे वांछित माओवादी कमांडर एवं तथाकथित ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के नेता ‘हिडमा’ और उसकी सहयोगी सुजाता के नेतृत्व में कम से कम 400 नक्सलियों ने उस क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया जिसे दुर्गम, घने जंगल और सुरक्षा बलों के शिविरों की कम संख्या के चलते नक्सलियों का गढ़ माना जाता है.

अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ में शहीद हुए 22 जवानों में सीआरपीएफ के आठ जवान शामिल हैं, जिसमें से सात कोबरा कमांडो से जबकि एक जवान बस्तरिया बटालियन से है. बाकी डीआरजी और विशेष कार्यबल के जवान हैं. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर अभी भी लापता हैं.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया और उन्हें तीन तरफ से घेर लिया और उन भारी गोलाबारी की.

उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने इस हमले में हल्की मशीन गन (एलएमजी) से गोलियों की बौछार की और कम तीव्रता वाले आईईडी का इस्तेमाल किया और यह हमला कई घंटे जारी रहा.

अधिकारी ने बताया कि घायल कर्मियों को वहां से निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की सेवा मांगी गई लेकिन पहला हेलीकाप्टर शाम पांच बजे के बाद ही वहां उतर सका जब गोलीबारी रुक गई.

उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने बड़े पेड़ों की आड़ ली और तब तक गोलीबारी जारी रखी जब तक उनके पास गोलियां समाप्त नहीं हो गईं.

उन्होंने कहा कि एक स्थान पर सुरक्षा बलों के सात शव मिले और वहां पेड़ पर गोली लगने के निशान थे.

बताया जाता है कि नक्सली शहीद हुए जवानों के लगभग दो दर्जन अत्याधुनिक हथियार भी लूट ले गए. वहीं, सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में तलाशी अभियान अभी भी जारी है और जमीनी स्तर से विवरण एकत्र किये जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नक्सली इस मुठभेड़ में मारे गए अपने करीब 10-12 साथियों के शव ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर अपने साथ ले गए.

छत्तीसगढ़ में तैनात एक अन्य अधिकारी ने कहा कि बस्तर के जगदलपुर से राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दो महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारी इस अभियान की निगरानी कर रहे थे.

अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों के अधिकतर जवान गोली लगने से शहीद हुए जबकि एक के बारे में संदेह है कि वह बेहोश हो गया और बाद में पानी की कमी होने के चलते उसकी मृत्यु हो गई.

अधिकारी ने कहा, ‘सुरक्षा बलों के जवानों, विशेष रूप से कोबरा कमांडो ने बहुत बहादुरी से मुकाबला किया और सुनिश्चित किया कि नक्सली अनुकूल परिस्थिति में होने के बावजूद इस मुठभेड में अधिक समय तक टिके नहीं रह पायें.’

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद होने वाले जवानों के नाम

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद होने वाले जवानों की सूची इस प्रकार है- छत्तीसगढ़ पुलिस से संबद्ध जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान 1.दीपक भारद्वाज, उप निरीक्षक, 2. रमेश कुमार जुर्री, हेड कांस्टेबल, 3. नारायण सोढी, हेड कांस्टेबल, 4. रमेश कोरसा, कांस्टेबल, 5. सुभाष नाइक, कांस्टेबल 6. किशोर अंदरिक, सहायक कांस्टेबल, 7. संकुराम सोढी, सहायक कांस्टेबल, 8. भोसाराम करतामी, सहायक कांस्टेबल. इसके अलावा विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के जवान- 9. श्रवण कश्यप, हेड कांस्टेबल, 10. रामदास कोर्राम, कांस्टेबल, 11. जगतराम कंवर, कांस्टेबल, 12. सुखसिंह फरास, कांस्टेबल, 13. रामाशंकर पैकरा, कांस्टेबल, 14. शंकरनाथ, कांस्टेबल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशेष इकाई ‘कोबरा’ के जवान- 15. दिलीप कुमार दास, निरीक्षक, 16. राजकुमार यादव, हेड कांस्टेबल, 17. शंभू राय, कांस्टेबल, 18. धर्मदेव कुमार, कांस्टेबल, 19. एस एम कृष्णा, कांस्टेबल, 20. आर जगदीश, कांस्टेबल, 21. बबलू राधा, कांस्टेबल (बस्तरिया बटालियन) 22. समैया मरावी, कांस्टेबल.

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