होम देश राष्ट्रीय खेल घोटाला : सीबीआई ने झारखंड के पूर्व खेल मंत्री के...

राष्ट्रीय खेल घोटाला : सीबीआई ने झारखंड के पूर्व खेल मंत्री के आवास पर छापा मारा

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रांची में 2011 में हुए 34वें राष्ट्रीय खेलों के लिए करोड़ों रुपये के खेल उपकरण की खरीद में कथित अनियमितताओं के संबंध में भाजपा की अगुवाई वाली तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार में खेल मंत्री रहे बंधु टिर्की के आवास समेत 16 स्थानों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सीबीआई ने टिर्की के अलावा जाने-माने वकील आर. के. आनंद के परिसरों में भी तलाशी ली। आनंद राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय खेलों की आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष थे। टिर्की अब कांग्रेस की झारखंड इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य के पूर्व खेल निदेशक पी सी मिश्रा, झारखंड ओलम्पिक कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक और आयोजन सचिव एच एम हाशमी के परिसरों की भी तलाशी ली जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अभियान के तौर पर रांची में सात स्थानों और धनबाद में पांच स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं।

टिर्की को हाल में झारखंड की एक अदालत ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक धन अर्जित करने का दोषी ठहराया था और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी।

टिर्की झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के भारतीय जनता पार्टी में विलय से पहले पार्टी प्रमुख बाबूलाल मरांडी के विश्वासपात्र थे। वह मरांडी के विलय के फैसले से सहमत नहीं थे और 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए।

खेल उपकरणों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के मामले की जांच राज्य की भ्रष्टाचार-रोधी शाखा ने की और बाद में इस साल अप्रैल में झारखंड उच्च न्यायालय ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी।

मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने 2018 में सुशील कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था। याचिका में राष्ट्रीय खेलों में कथित घोटाले की तेजी से जांच कराने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा कि एसीबी ने झारखंड सरकार द्वारा खेलों के आयोजन के एक दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अपनी जांच पूरी नहीं की है।

सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि राज्य में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी पर 28.38 करोड़ का खर्च होने का अनुमान लगाया गया था।

उन्होंने दावा किया था कि राष्ट्रीय खेलों की आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने जनता का पैसा बर्बाद किया और उन्होंने खेल उपकरणों तथा सामान की ऊंची कीमतों का हवाला देकर धन का गबन किया था।

भाषा

गोला सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version