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धनशोधन मामले में नागपुर के वकील व उसके भाई को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

मुंबई, 12 अप्रैल (भाषा) यहां स्थित एक विशेष पीएमएलए अदालत ने मंगलवार को नागपुर के वकील सतीश उके और उनके भाई प्रदीप को धन शोधन मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 31 मार्च को उके बंधुओं को गिरफ्तार किया था।

दोनों को मंगलवार को उनकी रिमांड की समाप्ति पर विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे के समक्ष पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, क्योंकि जांच एजेंसी ने और रिमांड नहीं मांगी थी।

ईडी ने दावा किया है कि दोनों भाइयों के खिलाफ धन शोधन का मामला कुछ समय पहले नागपुर में करीब 1.5 एकड़ जमीन की खरीद से जुड़ा है और जमीन की खरीद के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेज कथित तौर पर जाली थे।

जांच एजेंसी ने दावा किया है कि खरीदी गई जमीन भाइयों के नाम पर थी।

उके ने भाजपा नेताओं, खासकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ अदालतों में कई याचिकाएं दायर की हैं।

अपनी एक याचिका में वकील ने चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का “खुलासा न करने” के लिए फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग की थी।

उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में याचिका दायर कर सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की “संदिग्ध और असामयिक” मौत की पुलिस जांच की मांग की थी।

सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे जज लोया की कथित तौर पर 2014 में नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

सतीश उके महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के वकील भी हैं, जिन्होंने अपने फोन की कथित अवैध टैपिंग के लिए आईपीएस अधिकारी और राज्य की पूर्व खुफिया प्रमुख रश्मि शुक्ला व अन्य के खिलाफ यहां एक दीवानी अदालत में 500 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

भाषा

प्रशांत पवनेश

पवनेश

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