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मोदी सरकार ने SC में कहा- ‘अनुमान और अटकलों’ पर आधारित है पेगासस जासूसी विवाद की जांच की मांग

अदालत में दायर हलफनामे में सरकार ने कहा कि याचिकाओं के अवलोकन भर से यह स्पष्ट हो जाता है कि वे अटकलों, अनुमानों और अन्य अपुष्ट मीडिया खबरों व अपूर्ण या अप्रमाणिक सामग्री पर आधारित हैं.

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सुप्रीम कोर्ट, फाइल फोटो। दिप्रिंट

नई दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि पेगासस जासूसी के आरोपों को लेकर स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाएं ‘अटकलों, अनुमानों’ और मीडिया में आई अपुष्ट खबरों पर आधारित हैं तथा विशेषज्ञों का एक समूह उठाए गए सभी मुद्दों की जांच करेगा.

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में सरकार ने कहा कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही कथित पेगासस जासूसी मुद्दे पर संसद में उसका रुख स्पष्ट कर चुके हैं.

हलफनामे में कहा गया, ‘उपर्युक्त याचिका और संबंधित याचिकाओं के अवलोकन भर से यह स्पष्ट हो जाता है कि वे अटकलों, अनुमानों तथा अन्य अपुष्ट मीडिया खबरों तथा अपूर्ण या अप्रमाणिक सामग्री पर आधारित हैं.’

हलफनामे में कहा गया कि कुछ निहित स्वार्थों द्वारा दिए गए किसी भी गलत विमर्श को दूर करने और उठाए गए मुद्दों की जांच करने के उद्देश्य से विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा. संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वह दिन के अंत में इसे देखेगी.

शीर्ष अदालत ने 10 अगस्त को कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर जासूसी मुद्दे पर ‘समानांतर कार्यवाही और बहस’ को अपवादस्वरूप लेते हुए कहा था कि अनुशासन कायम रखा जाना चाहिए और याचिकाकर्ताओं को ‘व्यवस्था में थोड़ा भरोसा होना चाहिए.’

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