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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए मोदी सरकार ने पांच सदस्यीय पैनल बनाया

दस्तावेज के अनुसार, डिप्टी कैग पी. के. तिवारी, एल एंड टी के पूर्व निदेशक शैलेन्द्र रॉय, आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर मौसम और मंत्रालय के संयुक्त सचिव को समिति में शामिल किया गया है.

दिल्ली में प्रस्तावित सेंट्रल विस्टा मॉडल का नजारा | Twitter

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वित्त विभाग के पूर्व सचिव रतन पी. वाटल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है ताकि सेंट्रल विस्टा पुन:विकास परियोजना से जुड़े सभी काम समय पर पूरा हो सकें.

केंद्रीय आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी कार्यालयी मेमोरेंडम में कहा गया है कि ‘सेंट्रल विस्टा ओवरसाइट कमेटी’ (सेंट्रल विस्टा निगरानी समिति) विभिन्न परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और पक्षों के बीच समन्वय बनाएगी.

दस्तावेज के अनुसार, डिप्टी कैग पी. के. तिवारी, एल एंड टी के पूर्व निदेशक शैलेन्द्र रॉय, आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर मौसम और मंत्रालय के संयुक्त सचिव को समिति में शामिल किया गया है.

सेंट्रल विस्टा के पुन:विकास में नये संसद भवन और एक साझा सचिवालय का निर्माण, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का सौंदर्यीकरण, प्रधानमंत्री के लिए नये कार्यालय और आवास का निर्माण और उपराष्ट्रपति के लिए नया एन्क्लेव शामिल है.

मंत्रालय ने बताया कि पांच सदस्यीय समिति समय-समय पर मिलेगी और स्वतंत्र समीक्षा के लिए मौके की समीक्षा/निगरानी करेगी. समिति समय-समय पर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी.


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