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एमजे अकबर ने प्रिया रमानी पर मानहानि का मामला दायर किया

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एमजे अकबर. (फाइल फोटो: फेसबुक)

एमजे अकबर का आरोप है कि प्रिया रमानी ने ‘जानबूझकर, दुर्भावना से उनकी मानहानि की है.’

नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार और केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है. ये कदम उन्होंने रमानी और उनके साथ काम कर चुकीं 13 अन्य महिला पत्रकारों के उनपर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप के जवाब में उठाया है.

अपनी दलील में उन्होंने कहा है कि उनके आरोप जो कि उनकी पहली मुलाकात के बारे में हैं, उनकी “कल्पना की उपज हैं और मनगढ़ंत हैं.”

पिछले साल वोग पत्रिका में अपने एक लेख में रमानी ने एक संपादक के बारे में लिखा था कि उन्होंने दो दशक पहले नौकरी के लिए साक्षात्कार के लिए एक होटल के कमरे में बुलाया, उन्हें ड्रिंक्स ऑफर की, उन्हें पलंग पर अपने पास बैठने को कहा और उनके लिए गाना गाया.


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अक्टूबर 2017 में जब दुनिया भर में मीटू मुहिम शुरू हुई थी तब लिखे गए उस लेख में उन्होंने उस संपादक का नाम नहीं लिया था.

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हाल ही में, 8 अक्टूबर को उन्होंने अकबर का नाम लिया. साथ ही सोशल मीडिया में मीटू मुहिम के नए दौर में कई महिलाओं ने पत्रकारिता और मनोरंजन जगत से जुड़े लोगों पर आरोप लगाए हैं.

अपने ट्वीट मे रमानी ने कहा था कि उन्होंने पहले उनका नाम इसलिए नहीं लिया था क्योंकि “उन्होंने कुछ किया नहीं था”. उनके दावे के साथ ही कई महिलाओं ने आरोप लगाए कि उनको भी कथित रूप से अकबर के हाथों प्रताड़ित होना पड़ा था.

‘आरोप लगाने वाली अन्य महिलाओं के खिलाफ भी मामलें दर्ज होंगे’

अकबर ने पटियाला हाउस ज़िला अदालत में आपराधिक मानहानि का केस दायर किया है. वे कल ही नाइजीरिया की आधिकारिक यात्रा से लौटे हैं.

दिप्रिंट से बात करते हुए उनकी वकीलों की टीम के एक सदस्य ने कहा कि अन्य मामलों में भी ऐसे केस दायर होंगे जिन्होंने सोशल मीडिया पर अकबर पर आरोप लगाए हैं.

उनकी शिकायत कहती है कि रमानी ने “…जानबूझकर, सोच समझकर, दुर्भावना से शिकायतकर्ता की मानहानि की है. उनके आरोप सरासर गलत, बचकाने, अनुचित और लज्जाजनक हैं… इनसे शिकायतकर्ता के नाम और इज़्ज़त पर राजनीतिक क्षेत्र में, मीडिया में, दोस्तों, सहकर्मियों, परिवार और समाज में बुरा प्रभाव पड़ा है.”


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अकबर ने कहा कि रमानी ने जो लिखा और बाद के उनके ट्वीट जिसमें वे उन्हें “मीडिया का सबसे बड़ा यौन उत्पीड़क” कहती हैं, उसका मकसद केवल अकबर की छवि धूमिल करना था और राजनीतिक इज़्ज़त पर आंच लगाना था ताकि “वे स्वयं के हित साधें और अपने अजेंडे को आगे बढ़ाएं”.

उन्होंने अकबर ने “कुछ नहीं किया” वाले दावे का हवाला दे कर इन आरोपों पर सवाल खड़े किये.

अकबर का बचाव

अफ्रीका की अपनी सरकारी यात्रा से लौटने के घंटों बाद अकबर ने एक वक्तव्य देकर कहा था कि “मुझ पर लगाए गए बुरे व्यवहार के सभी आरोप गलत हैं, मनगढ़ंत हैं जो दुर्भावना से और सुनी सुनाई बातों से प्रेरित हैं”.

उन्होंने साथ ही कहा, “मैं पहले जवाब नहीं दे सका क्योंकि मैं आधिकारिक यात्रा पर विदेश में था.”

एडवोकेट संदीप कपूर, जो कि करांजवाला एंड कंपनी में पार्टनर हैं, ने इस बात की पुष्टि की कि उनकी कंपनी अकबर के आपराधिक मानहानी मामले में उनकी पैरवी करेगी.

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