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मौसम विभाग ने भारत में सामान्य बारिश के लिए 87 सेंमी का मानदंड तय किया

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) मौसम विभाग ने 1971-2021 के आंकड़ों के आधार पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए एक नया अखिल भारतीय सामान्य बारिश मानदंड ‘868.6 मिमी’ जारी किया है, जिसका उपयोग देश में वर्षा की माप के लिए किया जाएगा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने यहां कहा कि यह नया मानदंड दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम के लिए 87 सेंटीमीटर के आसपास रखा गया है, जो 1961-2010 के बारिश के आंकड़ों के आधार पर गणना की गई पूर्ववर्ती 88 सेंमी की सामान्य बारिश से आंशिक रूप से कम है।

मौसम विभाग सामान्य बारिश से विचलन के संदर्भ में मौसम पूर्वानुमान जारी करता है जो कि 50 वर्ष की अवधि में हुई बारिश का दीर्घकालिक अवधि औसत (एलपीए) है।

‘सामान्य’ बारिश या एलपीए को प्रत्येक 10 साल बाद अद्यतन किया जाता है।

एलपीए को पिछली बार अद्यतन करने में देर हुई थी और इसे 2018 में किया जा सका था। तब तक मौसम कार्यालय ने 1951-2001 के एलपीए का, वर्षा को मापने के मानदंड के रूप में उपयोग किया था।

महापात्रा ने औसत बारिश में क्रमिक कमी के लिए शुष्क मौसम की प्राकृतिक बहु-दशकीय अवधि परिवर्तनशीलता और अखिल भारतीय स्तर पर बारिश की आर्द्र अवधि को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मानसून शुष्क काल-खंड से गुजर रहा है जो 1971-80 के दशक में शुरू हुआ था।

महापात्रा के मुताबिक, 2011-20 के दशक के लिए अखिल भारतीय स्तर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश का दशकीय औसत दीर्घकालिक औसत से 3.8 प्रतिशत कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगला दशक, 2021-30 सामान्य के करीब रहेगा और दक्षिण-पश्चिम मानसून के 2031-40 के दशक से आर्द्र अवधि में प्रवेश करने की संभावना है।’’

नयी सामान्य बारिश की गणना देश के 703 जिलों में स्थित 4,132 वर्षामापी केंद्रों के आंकड़ों का उपयोग कर की गई है।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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