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मेघालय: बलात्कार के मामले में पूर्व विधायक की सजा को लेकर हस्तक्षेप करने से अदालत का इनकार

शिलांग, 14 अप्रैल (भाषा) मेघालय उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में पूर्व विधायक जूलियस दोफांग को 25 साल कारावास की सजा सुनाने के एक निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।

प्रधान न्यायायीध संजीब बनर्जी की अगुवाई वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने बृहस्पतिवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को पीड़िता को तीन महीने में 20 लाख रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया।

पीठ ने पूर्व विधायक की याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा, ‘‘निचली अदालत ने 25 साल के कारावास की सजा सुनाते हुए ठोस कारण बताए हैं, जिसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।’’

निर्णय में कहा गया है, ‘‘दोषी की आयु को देखते हुए यह अवधि 15 साल या 20 साल या 30 साल या इसके बीच के कितने भी साल हो सकती थी। इस मामले में अधिकतम सजा न देकर दोषी के लाभ के लिए स्वविवेक का इस्तेमाल किया गया है।’’

दोरफांग ने री-भोई जिले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून संबंधी विशेष न्यायाधीश एफ एस संगमा द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में दोरफांग को अगस्त 2021 में जुर्माने के साथ 25 साल कैद की सजा सुनाई गई थी।

तत्कालीन विधेयक दोरफांग पर 2017 में 14 साल की लड़की से बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था। उसके खिलाफ पॉक्सो और अनैतिक तस्करी रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

वह नोंगपोह जिला जेल में बंद था, लेकिन मेघालय उच्च न्यायालय ने उसे 2020 में चिकित्सकीय आधार पर जमानत दे दी थी। पॉक्सो अदालत द्वारा अगस्त 2021 में दोषी ठहराए जाने के बाद उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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