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नंदीग्राम सीट पर नतीजे में गड़बड़ी का मामला, ममता के वकील ने सुनवाई में शामिल होने से किया इनकार

ममता बनर्जी ने एक दिन पहले मामले की सुनवाई कर रहे कौशिक चंदा की बेंच बदलने की मांग की थी. उन्हें शक है कि वह भाजपा के पक्ष में फैसला देंगे.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी | फाइल फोटो : अशोक नाथ डे | दिप्रिंट

नई दिल्ली : नंदीग्राम विधानसभा की सीट के चुनावी नतीजे को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका पर जिरह में शामिल होने से पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के वकील ने कदम पीछे खींच लिया है. उन्होंने हाईकोर्ट में की बेंच में एप्लीकेशन देकर खुद को सुनवाई से अलग करने की मांग की है. इस मामले में आज सुनवाई होनी है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वकील ने इसको लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के कौशिक चंदा की बेंच के सामने एक एप्लीकेशन दिया है, जिसमें उन्होंने खुद को इसकी सुनवाई से अलग करने की मांग की है.

गौरतलब है कि ममता ने एक दिन पहले मामले की सुनवाई कर रहे कौशिक चंदा की बेंच बदलने की मांग की थी. उन्हें शक है कि वह भाजपा के पक्ष में फैसला देंगे.

टीएमसी के सांसद डेरेक ओब्रायन ने एक तस्वीर ट्विटर पर साझा की है जिसमें कौशिक चंदा को भाजपा के साथ मंच साझा करते हुए देखा गया है.

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जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने भी इस ट्वटी को रिट्वीट करते हुए चौंकाने वाला बताया है.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल चुनाव ममता बनर्जी को भारी जीत मिली है. लेकिन नंदीग्राम सीट पर अपने प्रतिद्वंदी सुवेंदु अधिकारी से वह हार गई हैं. शुरुआत में इस सीट पर ममता के जीत की खबरें आईं थीं लेकिन बाद में रिजल्ट पलट गया है ममता को पराजित घोषित किया गया. इसको लेकर बंगाल की सीएम ममता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती है और इस पर पुनर्मतगणना की मांग की है.

कोविड-19 स्थिति नियंत्रण में है, निर्वाचन आयोग कराए बंगाल में उपचुनाव: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य की छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव सात दिन के भीतर हो सकते हैं क्योंकि कोविड-19 की स्थिति ‘नियंत्रण’ में है. उन्होंने आरोप लगाया कि कि भारत निर्वाचन आयोग, उप चुनाव कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.

बनर्जी ने सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘अगर ऐसा है तो मैं प्रधानमंत्री से कहूंगी कि वह मंजूरी दें. अभी स्थिति ठीक है लेकिन अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो आप कुछ नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा, ‘हम इंतजार कर रहे हैं (निर्वाचन आयोग के फैसले का.) उपचुनाव जितना जल्दी हो सके करवाना चाहिए क्योंकि अभी कोविड-19 की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. इसलिए मुझे लगता है कि सात दिन में वे चुनाव करा सकते हैं. उम्मीदवारों को इतना ज्यादा समय देने की जरूरत नहीं है.’

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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