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नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेंगी ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में उन्होंने आयोग की बैठक को 'निरर्थक' करार देते हुए कहा है कि विचार-विमर्श में शामिल होने का लाभ नहीं है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी | फाइल फोटो
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी | फाइल फोटो

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकेत दिया है कि वह 15 जून को प्रस्तावित नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेंगी.

उन्होंने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा, जिसे शुक्रवार को आधिकारिक रूप से सार्वजनिक किया गया.

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में उन्होंने आयोग की बैठक को ‘निरर्थक’ करार देते हुए कहा है कि विचार-विमर्श में शामिल होने का लाभ नहीं है, क्योंकि निकाय के पास न तो कोई वित्तीय शक्तियां हैं और न ही राज्य की योजनाओं का समर्थन करने की शक्ति है.

बनर्जी ने सुझाव दिया कि सरकार को अंतर-राज्य परिषद पर ‘उपयुक्त संशोधनों’ के साथ ‘सहकारी संघवाद को गहरा करने और संघीय एकता को मजबूत करने’ पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

केंद्र के साथ अपनी लड़ाई तेज करते हुए ममता ने कहा, ‘इस तथ्य को देखते हुए कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं और राज्य की योजनाओं का समर्थन करने की शक्ति भी नहीं है, इसलिए मेरे लिए किसी भी वित्तीय शक्तियों से रहित निकाय की बैठक में भाग लेना निर्थक है.’

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बनर्जी ने अपने पत्र में एक जनवरी, 2015 को योजना आयोग को भंग कर उसका नाम नीति आयोग रखने के इतिहास का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, राज्यों की सहायता के लिए किसी भी वित्तीय शक्तियों को निर्दिष्ट किए बिना नीति आयोग नामक एक नया निकाय एक जनवरी, 2015 को योजना आयोग के स्थान पर गठित किया गया.’

उन्होंने कहा, ‘पूर्ववर्ती योजना आयोग राज्यों की आवश्यकता के आकलन के आधार पर कार्य करता था. इसके अलावा, नए निकाय में राज्यों की वार्षिक योजना के समर्थन की शक्ति का भी अभाव है.’

योजना आयोग को बदलने और नीति आयोग का गठन करने पर अपना विरोध दर्ज कराने के चलते पहले भी ममता निकाय के विचार-विमर्श की बैठक से दूर रही हैं.

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