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मलिक फूल मंडी: जहां फूलों की होती है करोड़ों रुपये की बिक्री

(तस्वीर के साथ)

(हरलीन अग्रवाल, उत्पल बरूआ और नारायण बहादुर)

कोलकाता, 15 दिसंबर (भाषा) हावड़ा ब्रिज के पास मलिक फूल मंडी में तड़के ही चहल-पहल शुरू हो जाती है, जहां विभिन्न तरह के फूलों की भरमार है और फूल प्रेमी यहां से करोड़ों रुपये के फूल खरीदते हैं।

हुगली के तट पर मलिक घाट का जीवंत नज़ारा छायाकारों को काफी आकर्षित करता है। यहां हर दिन दो हजार से अधिक फूल विक्रेता आते हैं।

फूल विक्रेता कृष्णा श्रीमणि (63) एशिया की सबसे पुरानी थोक फूल मंडी में चमेली, मोगरा, गुलाब और कमल के फूल बेचते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पिता इस मंडी में फूल बेचा करते थे, जो 130 साल पुरानी है। मुझे यह व्यापार विरासत में मिला है और पिछले 50 साल से मैं भी यही काम कर रहा हूं।’’

उन्होंने कहा कि इससे होने वाली आय परिवार चलाने के लिए काफी है। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।

मंडी में कई दुकानों पर कारीगर माला बनाने के लिए फूल. पत्तियों को काटते छांटते नजर आए जिन्हें कई लोग पूजा के लिए भी खरीदते हैं।

त्योहारों और शादियों के दौरान फूल मंडी में बिक्री और बढ़ जाती है।

शादी-विवाह के लिए सजावट का सामान बेचने वाले भक्ति मैती (47) ने कहा, ‘‘ शादी के दिन काफी खास होते हैं। किसी आम दिन में बाजार में करीब एक करोड़ रुपये की बिक्री होती है लेकिन शादियों के दौरान यह बढ़कर दो करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है। ’’

मंडी में कई लोग फूलों से बना सजने-संवरने का सामान (मुकुट आदि), सजावट का सामान खरीदते हैं। मंडी में जन्मदिन, छोटी पार्टियां और अंत्येष्टि के लिए भी फूलों का सजावटी सामान मिलता है।

कोलकाता के आस-पास के इलाकों के फूल विक्रेता सुबह-सुबह ही अपना माल लेकर यहां पहुंच जाते हैं। मंडी में सुबह करीब चार बजे से ही चहल-पहल दिखने लगती है।

पुरबा मेदिनीपुर जिले के खराई तथा कोलाघाट, हावड़ा जिले के बागनान तथा नादिया, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों के कई इलाकों से फूल विक्रेता इस मंडी में आते हैं।

फूल विक्रेताओं ने बताया कि मंडी में गेंदे की करीब 50 किस्में बिकती हैं। ‘मेक्सिकन रजनीगंधा’ इसमें काफी लोकप्रिय है।

मलिक घाट फूल बाजार परिचालन समिति के सदस्य स्वपन बर्मन ने बताया कि फूल बाजार का थोक, खुदरा और निर्यात सहित कारोबार करोड़ों रूपये में है। यहां से फूल बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और राजस्थान में कुछ स्थानों पर भी भेजे जाते हैं।

वहीं वार्ड 45 के कांग्रेस पार्षद संतोष पाठक ने फूल बाजार में पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी पर नाराजगी जतायी।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बिना अनुमति के बाजार के विकास पर कोई पैसा खर्च नहीं कर सकता क्योंकि यह क्षेत्र ‘पोर्ट ट्रस्ट’ के अधीन है।’’

भाषा निहारिका नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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