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बापू पर विरोधी ट्वीट करने वाली महाराष्ट्र की आईएएस अधिकारी का तबादला, बचाव में उतरे तुषार गांधी

महात्मा गांधी पर ट्वीट करने वाली निधि चौधरी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने जारी किया नोटिस वहीं उसका ट्रांसफर कर दिया है. निधि के बचाव में बापू के पोते तुषार गांधी उतर आए हैं.

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आईएएस ऑफिसर निधि चौधरी | सोशल मीडिया

मुंबई: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) की संयुक्त नगरायुक्त (विशेष) निधि चौधरी के गांधी विरोधी ट्वीट के कारण महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को उनका तबादला मंत्रालय में कर दिया. आधिकारिक सूत्रों ने यहां कहा कि निधि को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

निधि के बचाव में आए तुषार गांधी

निधि चौधरी के बचाव में अब महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी उतर आए हैं. उन्होंने निधी के ट्वीट पर बचाव करते हुए कहा है कि जिस तरह से उसकी फोटो पर जूते बरसाए जा रहे हैं वह गांधी वादी सोच और उनके आदर्श के खिलाफ है. तुषार ने कहा कि इस देश में हर किसी को अधिकार है कि वह अपने अधिकार की बात करने का हक है. चौधरी का बचाव करते हुए तुषार ने कहा कि हमारा संविधान देश के नागरिकों को अपने विचार रखने का मौका देता है और यही प्रजातंत्र का सार है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से चौधरी के साथ व्यवहार किया जा रहा है वह उसके विचारों का हनन करना है.

एक ओर सरकार ने चौधरी के ट्वीट को महात्मा गांधी के खिलाफ एक निंदा के रूप में लिया, जिसके बाद यह कदम उठाया गया. वहीं गांधी जी के पौत्र ने कहा, मुझे उनके ट्वीट से कोई परेशानी नही है. क्योंकि उन्होंने कहा कि उनका विश्वास गांधी पर है. अगर वह नफरत से प्रभावित भी है तो भी हमें उनके विचार का आदर करना चाहिए. और अगर किसी भी रूप में उनका ट्वीट किसी को डेरोगेटरी लगता है तब भी हमें बात करने का तरीका होना चाहिए.

2012 के बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी चौधरी को राज्य मुख्यालय में जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग में उप सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.

उन्हें ट्विटर पर की गई पोस्ट के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए भी कहा गया है. निधि के ट्वीट ने राज्य सरकार को शर्मिदा किया और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को घटना के बारे में एक मजबूत दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया.

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क्या लिखा था निधि चौधरी ने अपने ट्वीट में

चौधरी ने 17 मई को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘150वीं जयंती वर्ष का क्या शानदार समारोह चल रहा है. यह सही समय है जब हम अपनी मुद्रा पर से उनके चेहरे को, दुनियाभर से उनकी मूर्तियों को हटा दें, उनके नाम पर रखे गए संस्थानों/सड़कों के नाम बदल दें. यह हम सभी के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी! 30 जनवरी, 1948 के लिए गोडसे को धन्यवाद.’

इस ट्वीट के बाद एक राजनीतिक हंगामा शुरू हो गया, जिसके बाद राज्य सरकार ने चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की.

अपने तरह के एक अनूठे घटनाक्रम के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार देर शाम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को व्यक्तिगत रूप से लिखा, और चौधरी के लिए ‘कड़ी सजा’ की मांग की, जिन्होंने अपनी टिप्पणी से राष्ट्रपिता का अपमान किया और महात्मा के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित किया.

चौधरी के ट्वीट को 31 मई को डिलीट कर दिया गया था.

निधि ने ट्वीट कर लिखा, ‘मैंने गांधी जी से जुड़े 17.05.2019 के अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे गलत समझा. यदि केवल उन्होंने 2011 के बाद से मेरी टाइमलाइन को देखा होता, तो वे समझ जाते कि मैं सपने में भी गांधी जी का अपमान नहीं करना चाहूंगी. मैं उनका सम्मान करती हूं और आखिरी सांस तक ऐसा करूंगी.’

(आईएएनएस और एनएनआई इनपुट्स के साथ)

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