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भारी विरोध के बीच खुले सबरीमाला के कपाट, मंदिर के आसपास धारा 144 लागू

(इलेस्ट्रेशन: दिप्रिंट)

सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद पहली बार मंदिर सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुला है.

नई दिल्ली: सबरीमाला मंदिर में सभी लड़कियों और महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से मंदिर के द्वार बुधवार शाम पांच बजे खुल गए. मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर तक खुले रहेंगे. स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सबरीमाला के कपाट खुलने के वक्त वहां 10 से 50 साल तक की कोई महिला मौजूद नहीं थी. पुलिस के तमाम बंदोबस्त के बावजूद प्रदर्शनकारी जगह-जगह महिलाओं को रोक रहे हैं. इस बीच हालात को बेकाबू देखते हुए प्रशासन ने चार स्थानों पम्पा, निलक्कल, सुन्निधनम, इरावुगल में धारा 144 लगा दी है. गृह मंत्रालय ने भी केरल में हुई हिंसा पर संज्ञान लिया है.

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इससे पहले सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों ने 4 महिला पत्रकारों पर हमला किया है. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पुलिस ने महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के रिपोर्टर आयुष्मान कुमार पर भी प्रदर्शनकारियों ने निलक्कल बेस कैंप पर हमला किया. यह हमला तब हुआ जब वह महिलाओं द्वारा बस चेक करते हुए तस्वीरें ले रहे थे. हमले के समय पुलिस भी वहां मौजूद थी.

प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण आंध्र प्रदेश की एक 40 वर्षीय महिला माधवी व उसके परिवार को मजबूरन भगवान अयप्पा के दर्शन किए बिना लौटना पड़ा. माधवी ने माता-पिता व बच्चों के साथ अपनी यात्रा स्वामी अयप्पा मंदिर को मासिक पूजा अनुष्ठान के लिए खोले जाने से कुछ घंटे पहले शुरू की थी.

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कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच दस मिनट की यात्रा के बाद जब परिवार मंदिर परिसर के अंदर पहुंचा तो माधवी सहित पूरे परिवार की यात्रा में बाधाओं डाली गईं और उन्हें भगवान अयप्पा के दर्शन की अपनी योजना रद्द करनी पड़ी. माध्वी 10 से 50 की वर्जित आयु वर्ग में आती हैं.

प्रदर्शनकारियों ने उनके मार्ग में हर संभव बाधा पहुंचाने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस बल के साथ माध्वी व उनके परिवार ने निलक्कल व पंबा की यात्रा पूरी की. माधवी के साथ चल रहे पुलिस अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिया कि अगर वह आगे बढ़ना चाहती हैं तो वे उनके साथ है।.लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनका पीछा जारी रखा और आखिरकार माध्वी ने लौटने का निर्णय किया.

वहीं कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीताला ने कहा, कांग्रेस ने किसी पर भी हमला नहीं किया और पत्रकारों पर हमला असहनीय है. जो भी वहां प्रदर्शन कर रहे हैं, भाजपा और आरएसएस के लोग हैं. कहीं भी कांग्रेस के लोग इस प्रकार की गुंडागर्दी और तोड़फोड़ में नहीं शामिल हैं.

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हालांकि केरल के पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने बुधवार को कहा कि किसी को भी सबरीमाला जाने से रोका नहीं जाएगा. बेहरा ने कहा कि भगवान अयप्पा मंदिर के प्रमुख पुजारी ने घोषणा की है कि राजवंश व तांत्री के परिवार की महिलाएं प्रार्थना में भाग लेंगी.

पुलिस प्रमुख ने कहा, किसी को भी रोका नहीं जाएगा और किसी को कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं होगी. सबरीमाला सुरक्षित है और कोई भी आकर पूजा कर सकता है.

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