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दिल्ली में Sputnik-v की आपूर्ति के लिए बातचीत जारी, कोविड के खिलाफ केजरीवाल ने टीम इंडिया से मांगी मदद

केजरीवाल ने कहा, आज हम कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, जिसमें केंद्र और राज्यों की अपनी-अपनी जिम्मेदारियां हैं. केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है यह गलत है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल/ @AAP

नई दिल्ली: दिल्ली में कोविड-19 के टीकों की कमी के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि स्पुतनिक वी टीके के उत्पादक दिल्ली को इस रूसी कोविड निरोधी टीके की आपूर्ति करेंगे किंतु टीके की कितनी खुराक मिलेंगी यह अभी तय नहीं हुआ है.

केजरीवाल ने यह भी बताया कि दिल्ली में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के करीब 620 मामले हैं और इसके उपचार में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की यहां पर कमी है.

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘स्पुतनिक वी के विनिर्माताओं के साथ बातचीत चल रही है. वे हमें टीके देंगे, किंतु टीके की कितनी खुराक मिलेंगी इस बारे में अभी कुछ तय नहीं हुआ है. हमारे अधिकारियों और टीका उत्पादकों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को भी मुलाकात हुई.’

द्वारका के वेगास मॉल में दिल्ली के पहले ड्राइव इन थ्रु टीकाकरण केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र ने राज्यों से अंतरराष्ट्रीय बाजार से टीकों की खरीद करने को कहा है, लेकिन कोई भी राज्य सरकार अभी तक एक भी अतिरिक्त टीका नहीं खरीद सकी है.

उन्होंने कहा, ‘सभी राज्य सरकारों ने हरसंभव कोशिश की है. उन्होंने वैश्विक निविदाएं निकाली हैं और सभी टीका उत्पादकों से बात की है. सभी कंपनियों ने हमसे बात करने से मना कर दिया.’

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केजरीवाल ने कहा कि केंद्र को तात्कालिक जरूरत देखते हुए टीकाकरण युद्धस्तर पर चलाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि टीकों को खरीदने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है.

केजरीवाल ने कहा, ‘आज हम कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, जिसमें केंद्र और राज्यों की अपनी-अपनी जिम्मेदारियां हैं. केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है और राज्यों से अपने लिए खुद व्यवस्था करने को कह रही है. यह गलत है.’

उन्होंने नाराजगी भरे स्वर में कहा, ‘यह कुछ इस तरह है कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया हो और तब वे (केंद्र) पूछें कि क्या दिल्ली ने परमाणु बम बनाया है और क्या उत्तर प्रदेश ने टैंक खरीदा है. टीकों को खरीदने और उनकी आपूर्ति करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. अगर वे हमें टीके दें और हम टीकाकरण केंद्रों को नहीं खोलते तब वे दिल्ली को जवाबदेह ठहरा सकते हैं.’

दिल्ली में लॉकडाउन खोले जाने की संभावना के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लॉकडाउन अनिश्चितकाल के लिए नहीं बढ़ाया जा सकता. इससे आर्थिक गतिविधियां और कारोबार प्रभावित हुए हैं. हम इस बारे में फैसला करेंगे कि किस तरह फिर से चीजों को खोला जाए.’

केजरीवाल ने गत शनिवार को लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा था कि अगर कोरोनावायरस संक्रमण के मामले कम होते रहे तो उनकी सरकार अगले सप्ताह से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉडर्ना और फाइजर के बनाए टीके बच्चों के लिए उपयुक्त हैं और केंद्र सरकार को बच्चों के टीकाकरण के लिए इन्हें खरीदना चाहिए.

‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीम इंडिया को साथ आना चाहिए’ 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई के लिए ‘टीम इंडिया’ को साथ आना होगा. साथ ही उन्होंने केन्द्र से टीके खरीदने और राज्यों में उन्हें बांटने की भी अपील की.

केजरीवाल ने पत्रकारों से ऑनलाइन बातचीत में दावा किया कि भारत ने अपना टीकाकरण अभियान छह माह की देरी से शुरू किया.

उन्होंने कहा,‘ दुनिया भर के देशों ने अपने लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर दिया था, लेकिन भारत में अपनी जनता को टीका लगवाने की बजाए टीके विदेश भेजे गए. अगर हमने टीकाकरण अभियान पहले शुरू कर दिया होता तो हम संक्रमण की दूसरी लहर में बहुत से लोगों को बचा सकते थे.’

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि केन्द्र ने राज्यों से खुद ही टीके खरीदने को कहा है.

उन्होंने कहा,‘ सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने टीके खरीदने के प्रयास किए लेकिन कोई राज्य टीके की व्यवस्था नहीं कर पाया. कई राज्यों ने वैश्विक निविदा निकालीं पर उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला.’

कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में केन्द्र को सहयोग देने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,‘ हम इस लड़ाई को हार नहीं सकते. अगर केन्द्र यह लड़ाई हारता है तो भाजपा नहीं, बल्कि भारत लड़ाई हारेगा.’

उन्होंने केन्द्र से टीके खरीद कर उन्हें राज्यों में बांटने का अनुरोध किया.

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