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कर्नाटक : मंत्री ईश्वरप्पा ने कहा, मेरे इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता

शिवमोगा, 13 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक में ठेकेदार की मौत के मामले को लेकर विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच, मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने बुधवार को अपने पद से हटने से इनकार कर दिया। ईश्वरप्पा ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि, क्या एक व्हाट्सएप संदेश को ‘मृत्यु नोट’ के रूप में माना जा सकता है? मंत्री ने ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के पीछे रची गई ‘साजिश’ की जांच की मांग की।

ईश्वरप्पा का यह बयान बुधवार को उस समय आया है, जब भाजपा नेता को पुलिस द्वारा उडुपी में ठेकेदार की मौत के बाद आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए प्रथम आरोपी माना गया था।

ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ईश्वरप्पा ने पाटिल के कथित संदेश का जिक्र करते हुए इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया, ‘‘ कैसे एक व्हाट्सएप संदेश को ‘मृत्यु नोट’ के रूप में माना जा सकता है और कहा, इसे कोई भी भेज सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि संतोष द्वारा लिखित कोई नोट शव के पास नहीं मिला है।’

ईश्वरप्पा ने यहां हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मेरे इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। मैं विपक्ष की मांग के आगे नहीं झुकूंगा।’’

ठेकेदार के भाई प्रशांत पाटिल ने पुलिस को दी शिकायत में ईश्वरप्पा और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाया था कि हिंडालगा गांव में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों में निवेश किए गए चार करोड़ रुपए की धनराशि की मांग करने पर ईश्वरप्पा के करीबी सहयोगियों ने ठेकेदार से 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी।

पुलिस के मुताबिक ठेकेदार ने सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात को कोई जहरीला पदार्थ खाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उक्त मामले में उडुपी पुलिस ने ईश्वरप्पा और उनके सहयोगियों बसवराज, रमेश और अन्य के खिलाफ ठेकेदार को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

यह दोहराते हुए कि वह पाटिल को नहीं जानते हैं, मंत्री ने यहां तक कहा कि उनका भाजपा से ‘संबंध तक’ नहीं था। ईश्रवरप्पा ने कहा, ‘‘आज ही मैंने बेलगावी जिला ग्रामीण अध्यक्ष से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि उनका (संतोष पाटिल) भाजपा से कोई संबंध नहीं है। कुछ लोग संबंध बना रहे हैं। वे किसके लिए यह संबंध बना रहे हैं? यह साजिश है। इसकी जांच होनी चाहिए।’’

ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘मौत के पीछे की साजिश की जांच होनी चाहिए। क्या वह खुद मरा या किसी अन्य कारण से। इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।’’

भाषा

फाल्गुनी नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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