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कर्नाटक सरकार हिजाब पर फैसला सुनाने वाले जजों को ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा देगी

बोम्मई ने जजों को धमकाने के तीन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

कर्नाटक के कुंडापुर में 4 फरवरी को सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहने लड़कियों को एंट्री देने से मना किया जा रहा है । फोटोः एएनआई

बेंगलुरु: रविवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह सूचना दी है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, जिन्होंने हिजाब का फैसला सुनाया है, उन्हें मौत की धमकी मिलने के बाद ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी.

बेंगलुरु में अपने आवास के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा, ‘हमने हिजाब पर फैसला देने वाले सभी तीन जजों को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. मैंने महानिदेशक और आईजी को विधान सभा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की गहन जांच करने का निर्देश दिया है, जिसमें कुछ लोगों ने जजों को जान से मारने की धमकी दी थी.’

तीन जजों में चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी भी शामिल हैं. मुख्य न्यायाधीश के अलावा, तीन-न्यायाधीशों की पीठ में जस्टिस कृष्णा दीक्षित और जस्टिस खाजी एम जयबुन्निसा भी शामिल थे.

बोम्मई ने जजों को धमकाने के तीन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

घटना की निंदा करते हुए बोम्मई ने कहा, ‘समुदाय के पक्ष में होना धर्मनिरपेक्षता नहीं है, यह सांप्रदायिकता है. मैं इसकी निंदा करता हूं, हम सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए. सरकार इसकी निंदा करेगी.’

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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है.

तमिलनाडु में, तीन तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के पदाधिकारियों पर कथित तौर पर हिजाब विवाद पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मामला दर्ज किया गया था.


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