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कारगिल विजय दिवस पर भारत में जश्न, पाकिस्तानी मीडिया से रहा गायब

कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर जीत की याद में भारत में विजय दिवस मनाया जा रहा है. वहीं पाकिस्तान में इस दिन को मीडिया ने भी कोई कवरेज नहीं दी है.

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परवेज मुशर्रफ/ ब्लूमबर्ग

नई दिल्ली: जीत, भले ही वह कुर्बानियां देकर मिली हो जश्न मनाया जाता है जबकि हार को भूल जाना ही बेहतर माना जाता रहा है. कारगिल युद्ध के बीस साल पूरे होने के अवसर पर शुक्रवार को यही सच सामने आया. इस युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाने की याद भारत में पूरे गर्व से की जा रही है जबकि पाकिस्तान के समाचार माध्यमों में इसे लेकर सन्नाटा पसरा हुआ है.

कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर जीत की याद में भारत में विजय दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर पूरे देश में कार्यक्रमों का तांता लगा हुआ है. राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से लेकर एक आम व्यक्ति तक, सभी किसी न किसी रूप में इस दिन को मना रहे हैं. इस जंग में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों का एक बार फिर सम्मान किया जा रहा है. उनकी समाधियों पर फूल मालाएं अर्पित की जा रही हैं.

इस जंग में पाकिस्तान की हार हुई थी और शायद इसीलिए वहां कारगिल शब्द ही गायब लग रहा है. आईएएनएस ने पाकिस्तान के कुछ प्रमुख समाचार माध्यमों की साइट पर शुक्रवार शाम तक नजर बनाए रखी लेकिन कारगिल से जुड़ी कोई रिपोर्ट देखने को नहीं मिली.

केवल, उर्दू अखबार जंग में कारगिल से जुड़ी एक रिपोर्ट आई और वह भी भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान की रही. अखबार ने ‘कारगिल, उम्मीद है पाकिस्तान फिर ऐसी गलती नहीं करेगा : भारतीय आर्मी चीफ’ के शीर्षक से खबर दी है. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान को धमकी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान आइंदा कारगिल जैसी गलती नहीं करेगा. कारगिल के बीस साल पूरे होने के मौके पर विजय दिवस पर इनका कहना था कि मेरी पाकिस्तान को चेतावनी कभी भी कहीं भी ऐसा नहीं करने के लिए है. पाकिस्तान ने 1999 में एक बड़ी गलती की थी.”

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