होम देश ‘बहुत हुआ! इसे हमारी पीढ़ी के साथ ही रुकना होगा’- हाथरस मामले...

‘बहुत हुआ! इसे हमारी पीढ़ी के साथ ही रुकना होगा’- हाथरस मामले में IIM बेंगलुरु के छात्रों-शिक्षकों का PM मोदी को खुला ख़त

सोमवार को लिखे खुले पत्र में 180 से अधिक छात्रों, टीचर्स, स्टाफ सदस्य और आईआईएम बेंगलुरु के पूर्व छात्रों ने हाथरस की महिला और उसके परिवार को सुरक्षा देने के लिए न्याय की मांग की है.

जंतर-मंतर पर 2 अक्टूबर को लोग हाथरस गैंगरेप पीड़िता, जिसकी बाद में मौत हो गई के लिए न्याय की मांग करते हुए Manisha Mondal | ThePrint

नई दिल्ली: आईआईएम बेंगलुरु के 180 से अधिक छात्रों, शिक्षकों, स्टाफ सदस्यों और पूर्व छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिख कर उत्तर प्रदेश के हाथरस की 20 वर्षीय दलित महिला को न्याय दिलाने की मांग की है. महिला के साथ चार पुरुषों ने 14 सितंबर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था, जिसके बाद 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी.

‘हम उस लड़की के लिए न्याय की मांग करते हैं जो अच्छी चिकित्सा देखभाल के बगैर एक क्रूर हमले में मारी गयी और जिसे अंतिम विदाई की गरिमा नहीं दी गई. हम उस परिवार के लिए न्याय की मांग करते हैं, जिसे उसके अंतिम संस्कार में भाग लेने से भी वंचित रखा गया था.’ सोमवार को प्रकाशित हुए पत्र में कहा गया.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने 29 और 30 सितंबर की रात को लड़की के परिवार की उपस्थिति के बिना महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

वर्तमान और पूर्व छात्रों ने प्रधानमंत्री से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पीड़ित परिवार को ‘डराया नहीं जाए, बल्कि न्याय दिलाने के लिए उनका सहयोग किया जाए’.

पत्र में मांग की गयी है कि बलात्कार के अपराधियों के अलावा, जो लोग इस मामले को इस तरह से दफन करना चाहते हैं, उन्हें भी दंडित किया जाए.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें


यह भी पढ़ें: UP की बिगड़ी कानून व्यवस्था के लिए योगी आदित्यनाथ की इजाद की हुई व्यवस्था जिम्मेदार है


‘सबसे गरीब और हाशिये के लोगों के लिए न्याय’

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि न्याय सभी को दिया जाना चाहिए, विशेष रूप से सबसे गरीब और सबसे हाशिए के समुदायों को, जिनके साथ उनकी जाति या धर्म के आधार पर दुर्व्यवहार किया जाता है.

‘हम मांग करते हैं कि हमारी कानून व्यवस्था इस मामले में हमेशा प्रक्रिया और न्याय का पालन करे, मुठभेड़ नहीं. कवर अप नहीं.’ पत्र में कहा गया है.

‘आम्बेडकर, गांधी, कबीर, सावित्रीबाई फुले, बसवन्ना और अनगिनत अन्य लोगों के उत्तराधिकारी के रूप में, जिन्होंने समानता और हमारे अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है, हम अब इस अन्याय के लिए सहमति नहीं देंगे. हम एक साथ खड़े हैं और कहते हैं ‘अब बस!’ इसे हमारी पीढ़ी के साथ ही रुकना होगा’.

हाथरस की महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसकी मौत से व्यापक राष्ट्रीय आक्रोश फैल गया है. हाथरस प्रशासन और उत्तर प्रदेश पुलिस विशेष रूप से इस घटना से निपटने के तरीकों और परिवार की सहमति के बिना दाह-संस्कार किये जाने के कारण निशाने पर हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

Exit mobile version