होम देश आईआरसीटीसी मामला: लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव का आरोपों से...

आईआरसीटीसी मामला: लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव का आरोपों से इनकार

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोपों से इनकार किया।

तीनों ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के बारे में बहस के दौरान यह दलीलें दीं। आरोपों में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार शामिल है, जिसके लिए अधिकतम सात साल के जेल की सजा हो सकती है।

तीनों ने अपने वकील के माध्यम से अदालत के समक्ष दावा किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सबूतों की कमी है।

मामले की सुनवाई बुधवार को फिर से शुरू होगी और न्यायाधीश ने जांच अधिकारी (आईओ) को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी संख्या एक से चार (लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी) की ओर से आरोप के पहलू पर आगे की दलीलें सुनी गई हैं। आईओ को अगली तारीख पर पेश होने दें।’’

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन-एक (संप्रग-1) सरकार के दौरान रेल मंत्री रहे प्रसाद ने पहले मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई द्वारा प्राप्त मंजूरी की वैधता पर सवाल उठाया था।

एजेंसी ने 28 फरवरी को अदालत को बताया कि मामले में आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों के संचालन के ठेके एक निजी कंपनी को दिए जाने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।

सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 से 2014 के बीच एक साजिश रची गई थी जिसके तहत पुरी और रांची में स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया। लेकिन बाद में उनके संचालन और रखरखाव का काम पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई तथा निजी पक्ष (सुजाता होटल्स) की मदद करने के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया।

आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के तत्कालीन समूह महाप्रबंधक वी के अस्थाना और आर के गोयल तथा विजय कोचर और विनय कोचर (दोनों सुजाता होटल्स के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक हैं) का भी नाम है।

डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है, और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है।

भाषा संतोष रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version