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भारत के पहले मतदाता ने डाकपत्र के स्थान पर मतदान केंद्र को तरजीह दी थी

शिमला, सात नवंबर (भाषा) भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी अपने अंतिम दिनों में भी डाक मतपत्र के बजाए मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहते थे।

नेगी का शनिवार को राज्य के कल्पा में अपने घर में निधन हो गया था। उनके पोते दीपक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए श्याम सरन नेगी से डाक मतपत्र के जरिए मतदान करने का आग्रह किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि वह (दादा) जोर दे रहे थे कि 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में प्राथमिक विद्यालय कल्पा के मतदान केंद्र पर जाकर मतदान करेंगे, जहां उन्होंने पहली बार मतदान किया था। लेकिन उन्हें चलने और खड़े होने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए उन्हें वहां नहीं जाने की सलाह दी गई थी।’’

निर्वाचन आयोग के अनुसार, 34वीं बार मतदान करने के तीन दिन बाद श्याम सरन नेगी का 106 साल की उम्र में निधन हो गया।

निर्वाचन आयोग के ‘ब्रांड एंबेसडर’ नेगी ने दो नवंबर को डाक मतपत्र के जरिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया था।

उनके पोते दीपक ने कहा, ‘‘पहली बार उन्होंने डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला।’’

उन्होंने कहा कि वर्षों से, नेगी युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श थे और वह लगातार लोगों को मत डालने और अच्छे नेताओं का चुनाव करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे।

पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सरकारी ठेकेदार दीपक ने कहा, ‘‘मेरे दादाजी हमेशा सभी से कहा करते थे कि हमें अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।’’

नेगी कभी भी किसी भी राज्य या आम चुनाव में मतदान करने से नहीं चूके थे। वह जब भी मतदान करने के लिए जाते थे, प्रशासन द्वारा उनका ‘वीआईपी’ की तरह स्वागत किया जाता था।

स्वतंत्र भारत में, 1951 में राज्य के अन्य हिस्सों से पहले, किन्नौर जिले के कल्पा क्षेत्र में मतदान हुआ था और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी की आशंका के बीच, नेगी ने पहली बार मतदान किया था।

शनिवार को मंडी जिले के सुंदरनगर में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेगी के निधन पर शोक जताया।

मोदी ने कहा, ‘‘अभी कुछ दिन पहले, नेगी ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए डाक मतपत्र के माध्यम से अपना मत डाला था। अपने निधन से पहले भी, उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।’’

मोदी ने कहा था, लोकतंत्र के प्रति नेगी के दृष्टिकोण को जोड़ने से देश के लोगों, खासकर युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार भी पिछले सप्ताह नेगी के घर गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

भाषा फाल्गुनी अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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