नई दिल्ली: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. द स्पेक्टेटर इंडेक्स की रैंकिंग के मुताबिक यहां का लोकतंत्र सबसे अच्छे तरीके से काम कर रहा है. द स्पेक्टेटर इंडेक्स नाम के एक ट्विटर हैंडल ने एक रैंकिंग जारी की है. रैंकिंग इस बारे में है कि लोकतंत्रिक देशों में जिस तरह से लोकतंत्र काम कर रहा है उससे लोग कितने ख़ुश हैं. इस रैंकिंग में भारत पहले नंबर पर है.
इस रैंकिंग में पहले तीन स्थानों पर भारत, जर्मनी और कनाडा हैं. भारत में 79 प्रतिशत, जर्मनी में 73 प्रतिशत और कनाडा में 70 प्रतिशत लोग लोकतंत्र जिस तरह से काम कर रहा है, उससे ख़ुश हैं. स्पेन, लेबनान और मेक्सिको आख़िरी तीन स्थानों पर हैं. स्पेन में महज़ 25 प्रतिशत, लेबनान में 8 प्रतिशत और मेक्सिको में पांच प्रतिशत लोग लोकतंत्र के काम करने के तरीके से ख़ुश हैं.
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यूके, यूएस और फ्रांस जैसी महाशक्तियां क्रमश: छठे, नौवें और बारहवें नंबर पर हैं. यूके में 52 प्रतिशत, यूएस में 46 प्रतिशत और फ्रांस में 34 प्रतिशत लोग ही लोकतंत्र जिस तरह से काम कर रहा है उससे ख़ुश हैं.
इंडोनेशिया और रूस के लोग लोकतंत्र के काम करने के तरीके के मामले में यूके के लोगों से ज़्यादा ख़ुश हैं.
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पोलैंड और जापान के लोगों का यूएस से ज़्यादा ख़ुश हैं, लेकिन साउथ अफ़्रीका और नाइजीरिया के लोग इस मामले में फ्रांस से ज़्यादा ख़ुश हैं. रूस के लोगों का यूके से ज़्यादा ख़ुश होने इसलिए भी अचरज भरा है क्योंकि वहां छद्म लोकतंत्र है और पुतिन ने हाल ही में सत्ता पर अपनी पकड़ बनाने के लिए संविधान में बड़े बदलावों का ऐलान किया है.
लोकतंत्र के काम करने के मामले में लोगों के ख़ुश होने की ये रैंकिंग उस बीच आई है. जब सीएए-एनपीआर-एनआरसी से जुड़े विरोध प्रदर्शनों ने देश को हिलाकर रख दिया. द स्पेक्टेटर इंडेक्स ने ये रैंकिंग पीयू रिसर्च के हवाले से दी है. पीयू रिसर्च अमेरिका स्थित एक थिंक टैंक है.