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अरुणाचल के मंडला में भारतीय सेना का हेलीकॉप्टर हुआ क्रैश, दोनों पायलटों मौत

दुर्घटना के बाद भारतीय सेना और पुलिस द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया. सेना के अधिकारियों ने कहा, "दुर्घटना में शामिल दोनों पायलटों की मौत हो गई है."

भारतीय सेना का हेलीकॉप्टर चीता, प्रतीकात्मक तस्वीर | ANI

ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) : अरुणाचल प्रदेश में बोमडिला के पास भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर गुरुवार को राज्य के मंडला पहाड़ी क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके बाद दो पायलटों की मौत हो गई.

दुर्घटना के बाद भारतीय सेना, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और पुलिस द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया. सेना के अधिकारियों ने कहा, “दुर्घटना में शामिल दोनों पायलटों की मौत हो गई है.”

अरुणाचल प्रदेश पुलिस के अनुसार, सेना के एक हेलिकॉप्टर का बीच रास्ते में संपर्क टूट गया और सेंगे गांव से मिसामारी के रास्ते में उसका पता नहीं चल सका. दोपहर करीब 12:30 बजे दिरांग पुलिस थाने के बंगजालेप के ग्रामीणों ने सूचना दी कि एक दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर मिला है.

पुलिस ने कहा कि क्षेत्र में कोई सिग्नल नहीं था और 5 मीटर की दृश्यता के साथ बहुत कोहरा वाला मौसम था.

इससे पहले रक्षा गुवाहाटी जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा था कि विमान का आज सुबह करीब 9:15 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से संपर्क टूटने की सूचना मिली थी. पायलटों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है.

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वहीं इससे पहले, असम के जोरहाट से उड़ान भरने के बाद 3 जून, 2019 को एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से भारतीय वायु सेना के तेरह 13 कर्मियों की मौत हो गई थी.

विमान अरुणाचल प्रदेश में मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) के लिए जा रहा था, तब दोपहर करीब 1 बजे जमीनी अधिकारियों से इसका संपर्क टूट गया था.

8 दिन तक चले बड़े स्तर पर सर्च और बचाव ऑपरेशन, जिस दौरान कई एजेंसियां लगाई गई थीं, विमान के मलबे को Mi-17 हेलिकॉप्टर ने खोजा था.

भारतीय वायुसेना के जवानों के शव 20 जून को अरुणाचल प्रदेश से लाए गए थे, जहां विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.

यह मलबा अरुणाचल प्रदेश में लिपो से 16 किमी उत्तर में 12,000 फीट की ऊंचाई पर मिला था.


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