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ओमीक्रॉन के मद्देनजर संसदीय समिति ने की कोविड वैक्सीन की प्रभावशीलता का पता लगाने की सिफारिश

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे आशंका है कि वायरस में उत्परिवर्तनों में वृद्धि से देश में कोविड-19 वायरस का अधिक संक्रामक स्वरूप सामने आ सकता है.

वैक्सीन की प्रतीकात्मक तस्वीर | पिक्साबे
वैक्सीन की प्रतीकात्मक तस्वीर | पिक्साबे

नई दिल्ली: सार्स-सीओवी-2 के नये स्वरूप ओमीक्रॉन को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच एक संसदीय समिति ने कोविड-19 रोधी टीकों की प्रभावशीलता का आकलन किये जाने की सिफारिश की है .

स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट पेश की. इसने यह भी सिफारिश की कि सरकार को और अधिक अनुसंधान करना चाहिए और वायरस के नये स्वरूप को रोकने के लिए टीकों की बूस्टर डोज देने की आवश्यकता की पड़ताल करनी चाहिए.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसे आशंका है कि वायरस में उत्परिवर्तनों में वृद्धि से देश में कोविड-19 वायरस का अधिक संक्रामक स्वरूप सामने आ सकता है. समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को कोविड-19 के खिलाफ एक सख्त नीति अपनाने और पूरे देश में कोविड मामलों पर बारीकी से नजर रखने की सिफारिश की.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘समिति का मानना है कि संभावित रूप से संक्रमितों का समय पर पता लगाना और उन्हें पृथक करना कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम करने में बेहद महत्वपूर्ण है. इसलिए जांच के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.’


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