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नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- केंद्र और राज्यों का मिल कर काम करना जरूरी

मोदी ने नीति आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र को भी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | ट्विटर | @BJP4India

नई दिल्ली: नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने पड़ चुके कानूनों को निरस्त करने और कारोबार के लिए व्यवस्था अधिक सुगम बनाए जाने की जरूरत पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्यों का एकजुटता के साथ काम करना जरूरी है.

मोदी ने नीति आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र को भी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘केंद्र और राज्यों को देश की प्रगति के लिए मिल कर काम करना होगा… आर्थिक प्रगति के लिए सरकार को निजी क्षेत्र का सम्मान करना होगा और उसे समुचित प्रतिनिधित्व भी देना होगा.’

उन्होंने कहा कि इस बार के बजट का जिस तरह से स्वागत हुआ है वह इस बात का संकेत है कि देश ​विकास की राह पर अधिक तेजी से आगे बढ़ना चाहता है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहलों से हर किसी को राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करने का अवसर मिलेगा.

उन्होंने कहा, ‘किसानों को उत्पादकता बढ़ाने, आयात में कटौती करने में मदद करने की नीतियां बनायी गयी हैं. राज्यों से अनुपालन की शर्तों में ढील देने, पुराने कानूनों को निरस्त करने को कहा है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को कोष, प्रौद्योगिकी मुहैया कराने के लिए सुधार की जरूरत है.’

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मोदी ने कहा कि भारत में कारोबार करना आसान बनाने के लिए कानूनों, प्रक्रियाओं में बदलाव करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं भारत के 75 वें स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के लिए राज्यों से समितियां गठित करने का अनुरोध करता हूं.

उन्होंने कहा, ‘सरकार को आर्थिक प्रगति में निजी क्षेत्र को सम्मान और उचित प्रतिनिधित्व देना होगा.’

बैठक में मोदी ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का उद्देश्य देश को ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनाना है बल्कि विश्व की जरूरतों को भी पूरा करना है. स्टार्ट-अप और एमएसएमई को मजबूत करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि सहयोगात्मक संघवाद को और अधिक सार्थक बनाना और यही नहीं हमें प्रयत्न पूर्वक प्रतिस्पर्धात्मक सहयोगात्मक संघवाद को न सिर्फ राज्यों के बीच, बल्कि डिस्ट्रिक्ट तक ले जाना है ताकि विकास की स्पर्धा निरंतर चलती रहे.

मोदी ने कहा कि हमने कोरोना कालखंड में देखा है कि कैसे जब राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया, देश सफल हुआ.

उन्होंने कहा कि दुनिया में भी भारत की एक अच्छी छवि का निर्माण हुआ. हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश का प्राइवेट सेक्टर, देश की इस विकास यात्रा में और ज्यादा उत्साह से आगे आ रहा है.

मोदी ने कहा, ‘सरकार के नाते हमें इस उत्साह का, प्राइवेट सेक्टर की ऊर्जा का सम्मान भी करना है और उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में उतना ही अवसर भी देना है. आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक ऐसे भारत का निर्माण का मार्ग है जो न केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए बल्कि विश्व के लिए भी उत्पादन करे और ये उत्पादन विश्व श्रेष्ठता की कसौटी पर भी खरा उतरे.’

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की हैं. ये देश में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है. राज्यों को भी इस स्कीम का पूरा लाभ लेते हुए अपने यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करना चाहिए.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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