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अवैध पशु तस्करी मामले में गुजरात कोर्ट ने कहा- गाय का गोबर न्यूक्लियर रेडिएशन से बचाता है

गोहत्या समाप्त होने पर पृथ्वी की सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी. गुजरात सत्र न्यायाधीश ने मोहम्मद अमीन को अवैध रूप से मवेशियों को गुजरात से महाराष्ट्र ले जाने के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

नजफगढ़ में गाय | प्रतिकात्मक तस्वीर | फोटो: दिप्रिंट/सुकृति वत्स

नई दिल्ली: गुजरात की एक अदालत ने अवैध रूप से गायों की तस्करी कर उन्हें महाराष्ट्र ले जाने के आरोपी मोहम्मद अमीन को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाते हुए कहा, “न्यूक्लियर रेडिएशन गाय के गोबर से बने घरों को प्रभावित नहीं करता, जिस दिन गोहत्या समाप्त हो जाएगी उस दिन पृथ्वी की सभी समस्याएं हल हो जाएंगी.”

तापी के जिला एवं सत्र कोर्ट के न्यायाधीश एस.वी. व्यास ने आदेश में कहा, “गाय सिर्फ जानवर ही नहीं मां भी है. इसलिए उन्हें ‘गौमाता’ कहा जाता है. गायों से पूरे ब्रह्मांड को मिलने वाले लाभों का वर्णन नहीं किया जा सकता. जिस दिन गाय के खून की एक बूंद भी धरती पर नहीं गिरेगी, धरती की सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी और धरती का कल्याण होगा.”

यह फैसला पिछले साल नवंबर में गुजराती भाषा में दिया गया था और इसका अनुवाद गूगल के माध्यम से किया गया है.

न्यायाधीश ने जोर देकर कहा, “गोहत्या और अवैध तस्करी की घटनाएं समाज को अपमानित करती हैं.”

अदालत ने दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र सहित गाय के उत्पादों के उपयोग को रेखांकित किया, और कहा कि वर्तमान समय में कैमिकल खेती की तुलना में नेचुरल फार्मिंग यानी ‘गाय आधारित खेती’ की लोकप्रियता बढ़ी है.

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अदालत ने कहा, “जैविक खेती से पैदा होने वाले अनाज कई बीमारियों से बचाते हैं. विज्ञान ने साबित किया है कि गाय के गोबर से बने घरों पर न्यूक्लियर रेडिएशन का भी असर नहीं होता है.”

जज ने ये भी कहा, “गोमूत्र के सेवन से कई बीमारियों ठीक होती हैं. गाय धर्म का प्रतीक है”.

अदालत ने दुनियाभर की समस्याओं के लिए गोहत्या में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया.

न्यायाधीश ने कहा, “आज संसार में जो भी समस्याएं हैं, इसकी जड़ है बढ़ता चिड़चिड़ापन और गर्म मिज़ाजी, और इनकी अत्यधिक वृद्धि का एकमात्र कारण गोवध है . इसलिए जब तक इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जाती है, तब तक पृथ्वी पर सात्विक वातावरण नहीं बनेगा. दरअसल, मामला गायों के महत्व को ध्यान में रखते हुए तय किया जा रहा था.”


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अवैध तस्करी का मामला

अमीन के खिलाफ मामला 18 जुलाई, 2020 का है, जब 16 गायों और बैलों को ले जा रहे एक ट्रक को पुलिस ने सुबह करीब 5:30 बजे गुजरात के तापी और बनासकांठा जिलों के गांवों के बीच तिराहे पर रोका था.

आरोप था कि मवेशियों को ट्रक में चारे, पानी और पशु चिकित्सा प्राथमिक किट के बिना ले जाया जा रहा था. यह भी आरोप था कि 16 पशुओं में से एक गाय और एक बैल की मौत हो गई थी. अमीन को अगस्त 2020 में इस मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया था.

उसके बाद आरोपी को गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2011, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960, गुजरात आवश्यक वस्तु और मवेशी (नियंत्रण) अधिनियम, 2005, और मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2015 सहित विभिन्न कानूनों के तहत दोषी पाया गया.

गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम की धारा 8(2) के तहत अमीन के ऊपर आजीवन कारावास की सज़ा और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था.

धारा 8 (2) धारा 5 (1) के उल्लंघन के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान है. इसके तहत किसी भी पशु की हत्या करना अपराध है. कानून की धारा 5 सक्षम प्राधिकारी से प्रमाण पत्र के बिना पशुओं की हत्या पर रोक लगाती है. धारा 6ए कुछ विशिष्ट पशुओं की तस्करी पर रोक लगाती है. इसके तहत, “किसी व्यक्ति को हत्या के मकसद से ऐसे पशु की तस्करी करने वाला माना जाएगा, जब तक कि मामला इसके विपरीत साबित न हो”.

मामले पर विचार करते हुए, अदालत ने कहा कि उसे “यह मानना पड़ा कि आरोपी पशुओं को गोहत्या के इरादे से लेकर जा रहा था”.

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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