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आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने बनाया ऐसा पदार्थ- ठहरे हुए पानी से बन सकेगी बिजली

संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग में कल्याण रैडोंगिया के नेतृत्व में एक शोध दल ने वर्तमान ऊर्जा संकट के चलते वैकल्पिक स्रोतों पर रिसर्च किया है.

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बिजली से जलता बल्ब, प्रतीकात्मक तस्वीर | Pixabay

गुवाहाटी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसे पदार्थ का विकास किया है, जो स्थिर और बहते पानी, दोनों से बिजली पैदा कर सकता है.

‘एसीएस एप्लाइड नैनोमैटेरियल्स’ पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार छोटे स्तर पर ऊर्जा उत्पादित करने के इन नए तरीकों को घरेलू वातावरण में नियोजित करके ऊर्जा स्रोतों का विकेंद्रीकरण किया जा सकता है.

शोधकर्ताओं ने एक नैनोस्केल परिघटना जिसे ‘इलेक्ट्रोकाइनेटिक स्ट्रीमिंग पोटेंशियल’ कहते हैं, का इस्तेमाल छोटे स्तर पर बहते पानी से ऊर्जा पैदा करने के लिए किया.

उन्होंने एक दूसरी प्रक्रिया का इस्तेमाल भी किया, जिसे ‘कॉन्ट्रास्टिंग इंटरफेशियल एक्टिविटीज’ कहते हैं. इसमें रुके हुए पानी से बिजली पैदा करने के लिए विभिन्न तरह के अर्धचालक पदार्थों का इस्तेमाल किया गया.

आईआईटी गुवाहाटी के रसायन विज्ञान विभाग में कल्याण रैडोंगिया के नेतृत्व में एक शोध दल ने पाया कि वर्तमान ऊर्जा संकट जीवाश्म ईंधन भंडार की कमी और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के चलते पैदा हुआ है.

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शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके चलते उन्होंने प्रकाश, ऊष्मा, हवा, समुद्र की लहरों आदि वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर शोध करने का विचार किया.

रैडोंगिया ने कहा, ‘जब एक आवेशित संकरे चैनल से जलधारा गुजरती है, तो वह इलेक्ट्रिकल वोल्टेज पैदा कर सकती है, जिसे छोटे जनरेटरों की मदद से उपयोग में लाया जा सकता है.’

शोध दल में जूमी डेका, कुंदन साह, सुरेश कुमार और हेमंत कुमार श्रीवास्तव शामिल थे.

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