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IEC का दावा- एडटेक ने 5 सालों में 75 हजार से ज्यादा नौकरियां पैदा कीं, Covid के दौरान रोज़गार संकट कम किया

उद्योग निकाय IAMAI ने, जिसके अंतर्गत इंडियन एडटेक कंसॉर्टियम काम करता है, कहा है कि ये क्षेत्र एडटेक कमपनियों के लिए टेलंट को हायर कर रहा है, और बेहतर प्रोफेशनल बनने में शिक्षार्थियों की मदद भी कर रहा है.

चित्रण: सोहम सेन/ दिप्रिंट

नई दिल्ली: भारत में एडटेक यानी शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने पिछले पांच वर्षों में 75,000 से अधिक नौकरियां पैदा कीं, और पिछले दो वर्षों में कोविड-19 से उत्पन्न रोज़गार संकट को कम करने में भी सहायता की. ये ख़ुलासा नवगठित इंडियन एडटेक कंसोर्टियम (आईईसी) द्वारा किए गए क्षेत्र के एक आंतरिक विश्लेषण में हुआ है.

आईईसी एक स्व-नियामक निकाय है, जिसमें अन्य के अलावा बायजूज़ और अपग्रैड जैसे कुछ बड़े एडटेक प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं. ये उद्योग निकाय इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के अंतर्गत काम करता है.

एडटेक भारत में एक बिलियन डॉलर का उद्योग है, जिसके 2025 तक 4 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की अपेक्षा है. एडटेक खिलाड़ियों का अब दावा है कि पिछले कुछ वर्षों में, इसने सबसे ज़्यादा रोज़गार पैदा किए हैं.

मंगलवार को आईईसी द्वारा एकत्र किए गए डाटा का हवाला देते हुए आईएएमएआई ने एक बयान में कहा, ‘50,000 से अधिक पेशेवर लोग इस समय एडटेक ईको-सिस्टम का हिस्सा हैं. एडटेक ने तेज़ी के साथ रोज़गार के जो अवसर पैदा किए हैं, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स वैश्विक स्तर पर वैल्यू तैयार कर सकते हैं, 2020 में कोविड-19 से उत्पन्न रोज़गार में कमी के संदर्भ में वो विशेष रूप से स्पष्ट हैं’.

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए, जिसने जनवरी में भारत में बेरोज़गारी दर का अनुमान 6.57 प्रतिशत लगाया था, बयान में आगे कहा गया कि बेरोज़गारी दर को घटाने में एडटेक क्षेत्र ने एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

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आईएएमएआई के बयान में आगे कहा गया, ‘(सीएमआई डेटा के अनुसार मार्च 2020 में कोविड लॉकडाउन के) पहले दौर में जो बेरोज़गारी दर 7.11 प्रतिशत थी, सीएमआई डाटा के अनुसार वो अब घटकर 6.57 प्रतिशत रह गई है. चुनौती भरे समय में भारतीय स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम ने रोज़गार के भारी अवसर पैदा किए हैं, और आईईसी द्वारा अपने सदस्यों से एकत्र डाटा के अनुसार, एडटेक एक बड़े रोज़गार सृजक के रूप में उभरकर सामने आया है’.


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‘रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए दोतरफा पद्धति’

बयान में ये भी कहा गया कि भारतीय श्रम बल की रोज़गार क्षमता और अवसर बढ़ाने के लिए, एडटेक क्षेत्र एक दोतरफा पद्धति पर काम कर रहा है- एक ओर तो ये एडटेक कंपनियों में काम करने के लिए टैलेंट को हायर कर रहा है, और दूसरे सीखने वालों को बेहतर प्रोफेशनल बनने का प्रशिक्षण दे रहा है.

उसमें आगे कहा गया, ‘जहां ये क्षेत्र व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए, अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ टैलेंट को हायर कर रहा है, वहीं एडटेक कंपनियां सभी स्पेक्ट्रम के शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दे रही हैं, जिससे कि ट्रेनिंग और नए कौशल हासिल करके वो बेहतर नौकरियां पा सकें. प्रत्यक्ष रोज़गार के अलावा, कारोबार चलाने तथा विकास करने के लिए भारतीय एडटेक कंपनियों ने सहायक रोज़गारों के अवसर भी पैदा किए हैं’.

एडटेक उद्यमियों ने भी आईएएमएआई के सकारात्मक लहजे और आशावादी नज़रिए को साझा किया. बयान में अपग्रैड के सह-संस्थापक और एमडी तथा आईईसी अध्यक्ष, मयंक कुमार का ये कहते हुए हवाला दिया गया, ‘व्यवसाय के परिणाम-संचालित दृष्टिकोण के साथ, जिसका हम पालन करते हैं, हमें विश्वास है कि अधिकतम आर्थिक विकास के लिए, हम देश के भीतर ज़्यादा से ज़्यादा रोज़गार पैदा करेंगे’.

बायजूज़ के सह-संस्थापक और आईईसी के सह-अध्यक्ष दिव्य गोकुलनाथ ने भी, एडटेक स्केटर द्वारा हासिल की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया. बयान के एक हिस्से में उन्होंने कहा, ‘हमें ख़ुशी है कि रोज़गार के विविध अवसरों के साथ हम युवाओं को सशक्त कर रहे हैं, उनके भविष्य को सुरक्षित कर रहे हैं और साथ ही भारत तथा विश्व के लिए कुछ नया करने की, उनकी महत्वाकांक्षा को भी पूरा कर रहे हैं’.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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