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आईसीएमआर ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में बीसीजी टीके के प्रभाव के परीक्षण की मंजूरी दी

आईसीएमआर के तहत आने वाला एनआईआरटी क्षय रोग के शोध में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान है. स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर ने कहा कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने एक आदेश में यह मंजूरी दी.

कोविद -19 नमूने (प्रतीकात्मक तस्वीर) के साथ एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता | फोटो: एएनआई

चेन्नई : कोविड-19 के खिलाफ जंग में बुजुर्गों पर बीसीजी के टीके के प्रभाव के अध्ययन के लिये यहां स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के क्षय रोग संस्थान को परीक्षण की मंजूरी प्रदान की गई है. सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी.

स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर ने कहा कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने एक आदेश में यह मंजूरी दी. इससे पहले आईसीएमआर ने यहां चेतपेट के राष्ट्रीय क्षय रोग अनुसंधान संस्थान (एनआईआरटी) में वरिष्ठ नागरिकों पर बेसिलस कैलमेट-ग्यूरिन (बीसीजी) टीके के प्रभाव के अध्ययन के लिये प्रदेश सरकार से मंजूरी मांगी थी.

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘आईसीएमआर का क्षय संस्थान जल्द ही परीक्षण शुरू करेगा.’

उन्होंने उम्मीद जताई कि पहले से जांचे-परखे बीसीजी के टीके बुजुर्गों को लगाने से कोविड-19 के प्रभाव, अस्पतालों में भर्ती होने और मृत्युदर में कमी आएगी.

पलानीस्वामी द्वारा इस परीक्षण के लिये राज्य की तरफ से दी गई मंजूरी को कोविड-19 के खिलाफ जंग में लोगों की जान बचाने के उपायों में से एक करार देते हुए विजयभास्कर ने कहा कि संक्रमण के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों में और तेजी लायी जाएगी.

आईसीएमआर के तहत आने वाला एनआईआरटी क्षय रोग के शोध में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान है.

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