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एचआरडी मंत्री ने आईआईटी मद्रास में देश का पहला ऑनलाइन बीएससी प्रोग्राम कोर्स लांच किया

इस ऑनलाइन प्रोग्राम को तीन अलग-अलग चरणों में पढ़ाया जाएगा जिनमें फाउंडेशनल प्रोग्राम, डिप्लोमा प्रोग्राम और डिग्री प्रोग्राम शामिल होगा.

आईआईटी मद्रास | ट्विटर

नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने डिजिटल माध्यम से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी- मद्रास) के प्रोग्रामिंग और डाटा साइंस में देश का पहला ऑनलाइन बीएससी प्रोग्राम लांच किया.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी की गई एनआईआरएफ रैंकिंग में आईआईटी मद्रास को पहला स्थान मिला था.

बीएसएसी प्रोग्राम कोर्स में 12वीं पास छात्र जिसने कक्षा 10वीं में अंग्रेजी एवं गणित की पढाई की हो और कोई भी अन्य छात्र जो किसी और स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में नामांकित हो वो प्रवेश ले सकता है. इस प्रोग्राम में वो छात्र भी प्रवेश ले सकते हैं जिन्होनें 2020 में बारहवीं की परीक्षा दी है.

आईआईटी मद्रास में काम करने वाले पेशेवरों को भी इस प्रोग्राम में प्रवेश लेने का मौका दे रहा है जिससे वो अपना कौशल बढ़ा सकें.

इस मौके पर एचआरडी मंत्री ने कहा, ‘आमतौर पर सीटों की सीमित उपलब्धता के कारण आईआईटी में प्रवेश प्राप्त करना बड़ी चुनौती होती है. आज इस ऑनलाइन प्रोग्राम को शुरू करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है क्योंकि आईआईटी मद्रास के इस बेहद महत्वपूर्ण कदम से अब भारत के छात्रों को आईआईटी की डिग्री पाने के साथ-साथ अपनी योग्यता बढ़ाने का भी मौका मिलेगा.’

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उन्होनें आगे कहा कि भारत और दुनिया भर के उद्योगों में प्रोग्रामिंग और डेटा साइंस की मांग बढ़ती जा रही है. भविष्य में होने वाले औद्योगिक विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान होगा. इसलिए बड़ी संख्या में नई पीढ़ी के पेशेवरों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए आईआईटी मद्रास की यह पहल बेहद स्वागत योग्य है.

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा, ‘यह एक नई शुरुआत है जो भारत के महान विचारों और धारणाओं के अनुरूप है. हमनें एक बार फिर एक प्रगतिशील कदम आगे बढ़ाया है और दुनिया इसका अनुसरण करेगी.’


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इस प्रोग्राम को तीन अलग-अलग चरणों में पढ़ाया जाएगा जिनमें फाउंडेशनल प्रोग्राम, डिप्लोमा प्रोग्राम और डिग्री प्रोग्राम शामिल होगा. छात्र किसी भी चरण में कोर्स छोड़ सकते हैं और उनको उसके हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री मिलेगी. पात्रता के आधार पर, इच्छुक उम्मीदवारों को क्वालीफायर परीक्षा के लिए एक फॉर्म भरना होगा जिसके लिए 3,000 रुपये के शुल्क का भुगतान करना होगा.

छात्रों को 4 सप्ताह के 4 विषयों (गणित, अंग्रेजी, सांख्यिकी और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग) के पाठ्यक्रम मिलेंगे. छात्र ऑनलाइन माध्यम द्वारा पाठ्यक्रम प्राप्त करेंगे, असाइनमेंट जमा करेंगे और चौथे सप्ताह के अंत में एक परीक्षा लिखेंगे.

आईआईटी की पारंपरिक प्रवेश प्रक्रियाओं के विपरीत, वो सभी छात्र जो (50 प्रतिशत के कुल स्कोर के साथ) क्वालीफायर परीक्षा पास करेंगे इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे.

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