नैनीताल, 14 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भीमताल के आसपास एक अज्ञात नरभक्षी तेंदुए को मारने के लिए वन विभाग द्वारा दी गई अनुमति पर स्वत: संज्ञान लिया।
हाल में तेंदुए ने इलाके में दो लोगों को मार डाला, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है।
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हिंसक जानवर की पहचान के लिए कैमरे लगाए जाने चाहिए और उसे पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि और अगर सब विफल रहता है, तो उसे बेहोश करके बचाव केंद्र में भेजा जाना चाहिए।
भीमताल में दो महिलाओं को मार डालने वाले तेंदुए को मारने के मुख्य वन्यजीव वार्डन के आदेश पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई की।
मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी।
भाषा शफीक नेत्रपाल
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