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हरियाणा मंत्रिमंडल की पहली बैठक में मंत्रियों ने अपना आवास भत्ता 50 हज़ार से बढ़ाकर 80 हज़ार किया

बैठक में हरियाणा मंत्री भत्ता नियमावली, 1972 में संशोधन करने और मंत्रियों का आवास भत्ता 50,000 रूपये से बढ़ाकर 80,000 रूपये करने और बिजली एवं पानी के शुल्क के और 20,000 रूपये अतिरिक्त निर्धारित करने का फैसला किया.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की फाइल फोटो

चंडीगढ़: हरियाणा के नवगठित भाजपा-जजपा मंत्रिमंडल ने सोमवार को अपनी पहली बैठक में मंत्रियों का आवास भत्ता दोगुणा करने का निर्णय लिया.

इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने ग्राम सभा को ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंदर शराब की बिक्री पर रोक लगाने का अधिकार प्रदान करने के लिए हरियाणा पंचायती राज अधिनियम की संबंधित धारा में बदलाव का भी सैद्धांतिक फैसला किया.

एक सरकारी बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में यहां अपनी बैठक में हरियाणा मंत्री भत्ता नियमावली, 1972 में संशोधन करने और मंत्रियों का आवास भत्ता 50,000 रूपये से बढ़ाकर 80,000 रूपये करने और बिजली एवं पानी के शुल्क के और 20,000 रूपये अतिरिक्त निर्धारित करने का फैसला किया.

बयान के मुताबिक मंत्रियों को अब एचआरए के रूप में एक लाख रूपये प्रतिमाह मिलेंगे. नयी नियमावली को हरियाणा मंत्री भत्ता (संशोधन) नियमावली, 2019 कहा जाएगा.

उसमें कहा गया है, ‘एक अप्रैल, 2016 और उसके बाद से मंत्रियों के सारे भत्ते सरकार ने संशोधित किये थे, बस आवास भत्ता रह गया था. पिछली बार यह दो जून, 2011 को संशोधित किया गया था.’

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खट्टर द्वारा 14 नवंबर को अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार किये जाने के बाद उसकी यह पहली बैठक थी. खट्टर और दुष्यंत चौटाला ने 27 अक्टूबर को क्रमश: मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

मंत्रिमंडल ने निवेश को बढ़ावा देने, युवाओं के लिए रोजगार सृजन और अनिवासी भारतीयों, भारतीय मूल के व्यक्तियों के कल्याण की खातिर राज्य सरकार की विभिन्न पहलों को सही दिशा देने के लिए नया विदेशी सहयोग विभाग सृजित करने का फैसला किया.

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