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स्कूलों में बंदूकी हिंसा अकेले अमेरिका की समस्या नहीं, भारत भी इससे जूझ रहा है

साल 2018 के बाद से भारत में स्कूलों में बंदूकों से जुड़ी हुई हिंसा की कम से कम छह घटनाएं सामने आई हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: टेक्सास के रॉब एलीमेंट्री स्कूल में हाल ही में गोली चलने की घटना ने पश्चिम में बंदूकों की उपलब्धता और इसकी वजह से होने वाली हिंसा पर एक फिर से बहस छेड़ दी है. अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जिसने हाल के वर्षों में ऐसी घटनाओं में खतरनाक वृद्धि देखी है. भारत में भी स्कूलों में बंदूकी हिंसा की कई घटनाएं देखी गई हैं. हालांकि यह अमेरिका की तुलना में इतनी बड़ी नहीं थीं.

इस तरह की घटनाओं का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है, इसलिए दिप्रिंट ने समाचार रिपोर्टों से पता लगाने की कोशिश की है और पाया कि देश में 2018 के बाद से स्कूलों में बंदूक हिंसा की कम से कम छह घटनाएं देखी गई हैं. इनमें से अधिकांश घटनाएं उत्तर भारत के स्कूलों में दर्ज की गईं.

अहमदाबाद में श्रेयस फाउंडेशन के साथ काम करने वाली बाल मनोवैज्ञानिक हमीदा राशिद का मानना है कि किशोरों के लिए जरूरी है कि उनके माता-पिता और बुजुर्ग उन्हें दुनियादारी समझने और ‘उन्हें अपनाने में मदद करें.’

राशिद कहती हैं, ‘जब कोई छात्र स्कूल में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो शिक्षक अक्सर उसे डांटते हैं. इसे आप ‘धमकाना’ या फिर बुलिंग भी कह सकते हैं. यह नैतिक रूप से सही नहीं है. सभी के सामने बच्चे की कमजोरी जाहिर होने के बाद वह छात्र आसानी से दूसरे बच्चों के निशाने पर आ जाता है. इससे छात्र में गुस्सा, पागलपन और दुख की भावनाएं भर जाती हैं, जिन्हें वे अलग-अलग तरीके से व्यक्त कर सकते हैं.’ वह आगे कहती है, ‘लेकिन वो सभी छात्र जिनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है शूटर नहीं बन जाते हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले सभी छात्र बचपन में इस तरह के दर्दनाक अनुभव से गुजर चुके हैं. शुरुआती जीवन में मिला यह आघात बच्चे को समाज से अलग-थलग कर देता है.’

दिप्रिंट ने पिछले 5 सालों में भारत में हुई बंदूकी हिंसा की घटनाओं पर एक नज़र डाली है.

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यमुनानगर, हरियाणा, 2018

जनवरी 2018 में हरियाणा के यमुनानगर में स्वामी विवेकानंद स्कूल के 12वीं क्लास के छात्र ने अपनी प्रिंसिपल 47 वर्षीय रितु छाबड़ा को गोली मार दी थी. छाबड़ा ने छात्र को कथित तौर पर कक्षा में लगातार खराब प्रदर्शन के लिए फटकार लगाई गई थी. 18 साल का कॉमर्स का यह छात्र कथित तौर पर अपने साथियों और शिक्षकों के साथ बहस करने के लिए भी बदनाम था. अपनी इस बेइज्जती का बदला लेने के लिए नाराज छात्र ने छाबड़ा को अपने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार दी. उसे हरियाणा पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था.

गुरुग्राम, हरियाणा, 2018

फरवरी 2018 में गुरुग्राम के एक प्राइवेट स्कूल के 10वीं के छात्र से देसी पिस्तौल बरामद होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. स्कूल के रिकॉर्ड के मुताबिक,10वीं में दो बार फेल होने वाले इस छात्र ने कथित तौर पर अपने दोस्तों को दिखाने के लिए स्कूल में एक अनलोडेड बन्दूक खरीदकर लाया था. होली के दौरान रंग लाने के शक में स्कूल में बच्चों के बैग चेक किए जा रहे थे. उसी समय उसके बैग में बंदूक के होने का पता चला. स्कूल के अधिकारियों ने आगे की जांच की. पुलिस के एक बयान के अनुसार, बंदूक इस 18 वर्षीय छात्र को एक दोस्त ने दी थी, जो बंदूक को बेचने में असफल रहा था.

छात्र को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 24, 25, 54 के तहत मामला दर्ज किया गया.

बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश, 2020

क्लास में सीट को लेकर हुए झगड़े के हिंसक होने के बाद दिसंबर 2020 में कक्षा 10 के एक छात्र की उसके सहपाठी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. आरोपी के पास से दो बंदूकें बरामद हुई. इस 14 साल के बच्चे ने जिस हथियार से अपने सहपाठी को गोली मारी थी. वह एक लाइसेंसी रिवाल्वर थी. उसके चाचा एक सेना अधिकारी थे और ये रिवाल्वर उन्हीं की थी. आरोपी ने अपने सहपाठी के सिर, छाती और पेट में तीन गोलियां मारी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने तुरंत आरोपी को हिरासत में ले लिया था.

मेरठ, उत्तर प्रदेश, 2021

इसी तरह की एक और घटना में पिछले साल अप्रैल में मेरठ में हुई थी. 14 साल के छात्र ने अपने सहपाठी को उस समय गोली मार दी थी, जब वह कक्षा 9 का रिजल्ट लेने के लिए स्कूल जा रहा था. जिला पुलिस के मुताबिक, घटना से एक दिन पहले दोनों के बीच सीट को लेकर झगड़ा हुआ था. छात्र स्कूल परिसर में घुसने ही वाला था कि उसके सहपाठी ने देसी पिस्टल से उसके सीने में गोली मार दी.

अस्पताल पहुंचने पर छात्र को मृत घोषित कर दिया गया. गोली मारने के बाद स्कूल से भागे आरोपी छात्र को बाद में पुलिस ने ढूंढ़ निकाला और गिरफ्तार कर लिया.

द्वारका, नई दिल्ली, 2022

इस साल मार्च में द्वारका के सेक्टर 16ए में अक्षय पब्लिक स्कूल के बाहर 19 साल के एक छात्र को एक अन्य छात्र ने आपसी झगड़े के चलते गोली मार दी थी. मृतक छात्र की नाम खुर्शीद था, जिसे देसी रिवाल्वर से गोली मारी गई थी. अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया था. इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने साहिल नाम के एक छात्र को गिरफ्तार किया है. लड़ाई का कारण क्या था, अभी इसका पता नहीं चल पाया है. घटना की जांच जारी है.

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, 2022

10वीं के एक छात्र की अप्रैल में उसके सहपाठियों ने सोशल मीडिया पर झगड़े के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी. मृतक वंश पंवार रामपुर मनिहारन, सहारनपुर में गोचर कृषि इंटर कॉलेज हाई स्कूल का छात्र था और उसे स्कूल के बाहर गोली मारी गई थी.

पीड़ित ने अपने साथी छात्र के ‘बैग को कथित रूप से खरोंच लगा दी थी.’ उसके बाद उन दोनों की इंस्टाग्राम पर बहस हो गई. वर्चुअल तकरार के बाद आरोपी ने अपने दो दोस्तों के साथ पंवार की हत्या की योजना बनाई. हमलावर ने जिस हथियार का इस्तेमाल किया वह देसी पिस्टल थी.

पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर धारा 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) और 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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