होम देश गुलजार हुआ गुलाल का बाजार : हर्बल गुलाल की जबरदस्त मांग

गुलजार हुआ गुलाल का बाजार : हर्बल गुलाल की जबरदस्त मांग

(चंदन कुमार)

लखनऊ, 16 मार्च (भाषा) विधानसभा चुनाव के समापन और कोविड-19 के घटते मामलों की पृष्ठभूमि में होली के मद्देनजर गुलजार बाजार में गुलाल ने एक नया उल्लास पैदा कर दिया है।

होली में रंग खेलने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने वाले सूखे रंग यानी गुलाल, खास तौर पर हर्बल गुलाल बेचने वालों का कहना है कि उन्हें इस साल काफी अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं।

पुराने लखनऊ में गुलाल के बड़े कारोबारी सुबोध कुमार शर्मा ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘पिछले दो वर्षों के दौरान कोविड-19 महामारी की वजह से गुलाल का कारोबार बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ था। चूंकि इस साल कोविड-19 से जुड़ी कोई खास पाबंदियां लागू नहीं हैं इस वजह से हमें फिर से गुलाल के बड़े ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं।’

लखनऊ शहर में अनेक छोटे कारोबारियों को गुलाल की आपूर्ति करने वाले शर्मा ने कहा, ‘इस बार हर्बल गुलाल की मांग काफी ज्यादा हो गई है। हर कोई हर्बल गुलाल मांग रहा है। मुझे लगता है कि इस बार हर्बल गुलाल की मांग लगभग सामान्य गुलाल जितनी ही हो गई है।’

सामान्य गुलाल के विपरीत हर्बल गुलाल को कुदरती चीजों (फूल/पत्तियों आदि) से बनाया जाता है।

लखनऊ के राष्ट्रीय वनस्पति विज्ञान अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के निदेशक एस. के. बारिक ने बताया कि हर्बल गुलाल बनाने के लिए रसायन मुक्त डाई का इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि इसकी कीमत सामान्य गुलाल के मुकाबले काफी ज्यादा होती है।

गुलाल का उत्पादन करने वाली कंपनी एएमए हर्बल के संस्थापक यानेर अली शाह ने बताया, ‘हम भारतीय बाजार में हर्बल गुलाल की काफी ज्यादा मांग देख रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि हमारा समाज किस तरह से सिंथेटिक रंग के नुकसान के प्रति जागरूक हो रहा है।’

उन्होंने कहा कि लोगों को हर्बल गुलाल खरीदने से पहले उसकी कुदरती डाई के स्रोत के बारे में पूछना चाहिए और उसकी विश्वसनीयता की परख करनी चाहिए।

कोविड-19 के मद्देनजर लागू पाबंदियों में ढील मिलने और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद गुलाल का बाजार इस बार पूरी तरह गुलजार है। भाजपा समर्थकों ने पिछली 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद बड़े पैमाने पर गुलाल मंगवाया और होली खेलकर जश्न मनाया।

उत्तर प्रदेश में गुलाल के सबसे बड़े उत्पादकों में शुमार किए जाने वाले रतन बिहारी अग्रवाल ने बताया, ‘इस बार हमें बड़ी संख्या में गुलाल के आर्डर मिल रहे हैं। खासतौर पर उन लोगों से जो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत का जश्न मनाने के लिए होली कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। हमारे कुल आर्डर में करीब 25% ऐसे ही लोगों की तरफ से आए हैं। उनमें से ज्यादातर ने हर्बल गुलाल की मांग की है।’

भाषा सलीम अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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