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बिहार के फुलवारी शरीफ में दर्ज गजवा-ए-हिंद का मामला, NIA ने नागपुर में 3 जगहों पर मारे छापे

आरोप है कि भारत में सोशल मीडिया पर प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की जा रही जिनमें हिंसा के जरिए भारत फतह की बात का प्रचार किया जा रहा है.

एनआईए की प्रतीकात्मक चित्र | एएनआई

नागपुर (महाराष्ट्र) : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को गजवा-ए-हिंद मामले में चल रही जांच को लेकर नागपुर में तीन जगहों पर तलाशी ली. यह मामला जो हिंसक आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रभावशाली युवाओं के कट्टरपंथी बनाने से जुड़ा है.

एनआईए ने सोशल मीडिया पर प्रभावशाली युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों और कट्टरपंथी बनाने की गतिविधियों में शामिल संदिग्धों के रेजिडेंसियल परिसर की तलाशी ली. एनआईए ने शुरू में पिछले साल 22 जुलाई को बिहार के फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन में गजवा-ए-हिंद का मामला दर्ज कराया था.

फुलवारी शरीफ में की जांचों को लेकर एनआई ने कहा था, ‘इस जांच में आरोपी मरगूब अहमद दानिश का पता चला, जो कि खुद से कट्टरपंथी है, वह व्हाट्सएप ग्रुप ‘गजवा-ए-हिंद’ बनाकर कई विदेशी संस्थाओं के संपर्क में था.’

एनआईए ने इससे पहले कहा था, ‘इस ग्रुप में प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के नजरिए से कश्मीर में आतंकी कार्रवाइयों और गतिविधियों का महिमामंडन किया जा रहा था. उसने गजवा-ए-हिंद बीडी के नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था और हिंसा के माध्यम से भारत फतह का प्रचार कर रहा था.’

इस साल 6 जनवरी को, एनआई ने इस मामले में बिहार की एनआईए कोर्ट में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

इससे पहले 15 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और अल्पसंख्यक समुदायों, सुरक्षाकर्मियों और धार्मिक आयोजनों और गतिविधियों को टारगेट करने के लिए पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठनों द्वारा रची गई आतंकी साजिश से संबंधित मामले में जम्मू-कश्मीर के साथ पंजाब में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी.


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