होम देश फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व निदेशक मालविंदर सिंह दिल्ली पुलिस की हिरासत में,...

फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व निदेशक मालविंदर सिंह दिल्ली पुलिस की हिरासत में, पहुंचे हाईकोर्ट

मालविंदर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा उन पर की गई एफआईआर को रद्द किए जाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय पहुंचे हैं.

मालविंदर सिंह और शिविंद्र सिंह को साकेत कोर्ट ले जाती पुलिस | फोटो : एएनआई

नई दिल्ली : दिल्ली की साकेत कोर्ट ने रैनबैक्सी के प्रोमोटर मालविंदर सिंह, शिवेंद्र सिंह समेत 3 लोगों को चार दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा उन पर एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. मालविंदर ने कोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी.

बता दें कि आज सुबह पंजाब के लुधियाना से रैनबैक्सी के पूर्व निदेशक मालविंदर सिंह को डिटेन किया गया था. उन्हें रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के मनप्रीत सिंह सूरी द्वारा फ्राड केस के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और  देश की राजधानी लाया गया है. पुलिस ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र मोहन सिंह का भी नाम एफआईआर में शामिल किया है.  दोनों भाईयों के खिलाफ मनप्रीत सिंह ने केस दायर किया है.

इसमें से तीन अन्य आरोपियों में सुनील गोधवानी, कवी अरोड़ा और अनिल सक्सेना भी है.

आईपीसी की धारा 409 (बैंकर द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 420 (चीटिंग) और 120-बी (आपराधिक कांसपिरेसी) के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है. इसमें मालविंदर मोहन सिंह, शिविंदर मोहन सिंह, सुनील गोधवानी के खिलाफर कई मामले दर्ज किए गए हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

पुलिस ने अपने जारी बयान में कहा है, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) और उसकी सहायक कंपनियों रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड सहित अन्य कंपनियों को ऋण देने से मना कर दिया है.

इसी साल अगस्त के शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांडरिंग से जुड़े मामले में मालविंदर और उनके भाई शिविंदर के घर पर छापा मारा था. यह छापा मनी लांडरिंग एक्ट के तहत दर्ज किए गए मामले के तुरंत बाद मारा गया था. जबकि पिछले साल फरवरी में दोनों भाई जो फोर्टिस हेल्थकेयर के भी निदेशक थे उन्होंने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था.

Exit mobile version