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ट्रंप के बयान के बाद सदन में विपक्ष का हंगामा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया जवाब

लोकसभा में हंगामे के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर जवाब दिया, 'मैं सदन को स्पष्ट रूप से आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह का कोई आग्रह नहीं किया गया.'

राज्यसभा ने जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर । एएनआई

नई दिल्ली: कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में हंगामा हो गया जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. जबकि लोकसभा में मोदी से जवाब देने की मांग करते हुए विपक्षी दलों के नेता सदन से निकल गए. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता करने का आग्रह किया था. ट्रंप ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात से पहले संवाददाताओंसे कहा था कि जापान में जी-20 सम्मेलन से इतर मुलाकात के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया था.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ मध्यस्थता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कोई अनुरोध नहीं किया है.

मंत्री की टिप्पणी के बाद, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया. जिसके बाद सभापति वेंकैया नायडू ने कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. जयशंकर ने कहा, ‘मैं सदन को आश्वस्त करना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है.’

उन्होंने कहा, ‘यह भारत की नीति रही है कि पाकिस्तान के साथ सभी अन्य मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय रूप से चर्चा की जाती है.

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जयशंकर ने सांसदों को बताया शिमला समझौते और लाहौर प्रस्तावना ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से सभी मुद्दों को हल करने का आधार प्रदान किया है विपक्ष द्वारा की जा रही आपत्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए सभापति नायडू ने कहा कि ‘सदन को एक राष्ट्रीय मुद्दे पर एक स्वर में बोलना चाहिए.’

नायडू ने राज्यसभा को स्थगित करने से पहले कहा, ‘यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है. देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय हित शामिल है, हमें एक स्वर में बोलते हुए देखा जाना चाहिए.’

राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान दावा किया था कि मोदी ने उनसे लंबे समय से लंबित मुद्दे पर ध्यान देने का अनुरोध किया है.

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद देश में विवाद छिड़ गया, लेकिन विदेश मंत्रालय की ओर से तुरंत इसे नकार दिया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से इस तरह की पेशकश नहीं की गई थी. कश्मीर सिर्फ और सिर्फ द्विपक्षीय मसला है.

लोकसभा में हंगामे के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर जवाब दिया, ‘मैं सदन को स्पष्ट रूप से आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह का कोई आग्रह नहीं किया गया.’

ट्रंप द्वारा कश्मीर पर दिए गए बयान पर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा सदन में देखिए हमलोग इस मुद्दे को उठाएंगे. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने भी कहा कि सरकार चाहें किसी भी पार्टी की रही हो लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि हमारी विदेश नीति रही है और कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और कोई तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता है और राष्ट्रपति ट्रम्प इसे जानते हैं,

कांग्रेस पार्टी के मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि हम यह मांग करना चाहते हैं कि पीएम सदन में आएं और स्पष्ट करें कि क्या दोनों के बीच इस तरह की बातचीत हुई थी. यदि ऐसा नहीं होता, तो उन्हें कहना चाहिए कि अमेरिकी राष्ट्रपति गलत बयान दे रहे हैं और कश्मीर के बारे में झूठ बोल रहे हैं.

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