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फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का निधन- राष्ट्रपति कोविंद, PM मोदी समेत नेताओं ने जताया शोक

मिल्खा सिंह का लगभग एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद आज चंडीगढ के पीजीआईएमईआर में निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे.

भारत के फर्राटा धावक और पद्मश्री सम्मानित मिल्खा सिंह | ani

 दिल्ली : फ्लाइंग सिख नाम से मशहूर धावक मिल्खा सिंह निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह समेत ने शोक जताया है.

मिल्खा सिंह का लगभग एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद आज चंडीगढ के पीजीआईएमईआर में निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जाहिर करते हुए लिखा है कि स्पोर्टिंग आइकॉन मिल्खा सिंह का जाना मेर दिल को दुख से भर दिया. उनके संघर्ष और ताकत की कहानी भारतीय पीढ़ियों को प्रभावित करती रहेगी. मेरी उनके परिवार के लोगों और प्रशंसकों के प्रति गहरी श्रद्धांजलि.

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पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मिल्खा जाने से हमने एक चमत्कारिक खिलाड़ी को खो दिया है.जिन्होंने देश की कल्पना को साकार किया और अनगिनत भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते थे. उनके प्रेरक व्यक्तित्व ने खुद को लाखों लोगों का प्रिय बना दिया. उनके निधन से आहत हूं.

उन्होंने आगे लिखा , ‘मैने कुछ दिन पहले ही श्री मिल्खा सिंह जी से बात की थी . मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बात होगी . उनके जीवन से कई उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी . उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनायें .’

गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया है कि लिजेंड्री भारतीय भारतीय धावक मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि, ‘उन्होंने विश्व एथलेटिक्स पर एक अमिट छाप छोड़ी है. राष्ट्र उन्हें हमेशा भारतीय खेलों के सबसे चमकीले सितारों में से एक के रूप में याद रखेगा. उनके परिवार और अनगिनत चाहने वालों के प्रति गहरी संवेदना.

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया है कि मिल्खा सिंह के निधन से दुखी हूं. यह एक युग के अंत का प्रतीक है. भारत और पंजाब आज गरीब हैं. उड़ने वाले महान सिख की गाथा आने वाली पीढ़ियों के लिए गूंजेगी.

पीजीआईएमईआर अस्पताल, जहां उनका इलाज चल रहा था वहां उनके परिजनों ने बताया कि चिकित्सकों की टीम के सबसे अच्छी कोशिशों के बावजूद, मिल्खा सिंह जी को उनकी गंभीर स्थिति से नहीं निकाला जा सका और बहादुरी से लड़ने के बाद, वे 18 जून 2021 को रात 11.30 बजे पीजीआईएमईआर में स्वर्ग चले गए.

परिवार ने कहा कि बेहद दु:ख के साथ बताना पड़ रहा है कि मिल्खा सिंह जी का निधन हो गया. उन्होंने काफी संघर्ष किया लेकिन भगवान के अपने तरीके हैं और शायद यह सच्चा प्यार और साथ था कि दोनों हमारी मां निर्मल जी और अब पिताजी दोनों का निधन 5 दिनों में हो गया है.

बता दें कि भारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार को निधन हो गया . इससे पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था .

पद्मश्री मिल्खा सिंह 91 वर्ष के थे.उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं .

उनके परिवार के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘उन्होंने रात 11: 30 पर आखिरी सांस ली.’

उनकी हालत शाम से ही खराब थी और बुखार के साथ आक्सीजन भी कम हो गई थी . वह यहां पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती थे . उन्हें पिछले महीने कोरोना हुआ था और बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी . उन्हें जनरल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था . गुरूवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी .

उनकी पत्नी 85 वर्षीय निर्मल का रविवार को एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था .

चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था . उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे .

उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया . उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था .

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