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8 साल में पहली बार, 3 महिलाएं UPSC परीक्षा में टॉप की, इनमें ‘विवादास्पद’ जामिया एकेडमी के छात्र भी

पिछले वर्षों में यूपीएससी परीक्षाओं में महिलाओं के टॉप करने के कई उदाहरण हैं, 2014 के बाद पहली बार है जहां शीर्ष तीन स्कोरर महिलाएं हैं.

सेंट स्टीफन की पूर्व छात्र श्रुति शर्मा, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा 2021 परीक्षा में टॉप किया, जामिया मिलिया इस्लामिया वी-सी नजमा अख्तर दिल्ली में उनके घर मिलने पहुंची/ स्पेशल अरेंजमेंट

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित 2021 सिविल सेवा परीक्षा में महिलाओं ने शीर्ष तीन रैंक हासिल की है.

उत्तर प्रदेश के बिजनौर की श्रुति शर्मा इस वर्ष की टॉपर हैं, जबकि कोलकाता की अंकिता अग्रवाल और चंडीगढ़ की गामिनी सिंगला क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं.

यूपीएससी के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, हालांकि पिछले वर्षों में यूपीएससी परीक्षा में कई महिलाओं ने टॉप किया है लेकिन 2014 के बाद यह पहली बार है कि शीर्ष के तीन स्थान प्राप्त करने वाली महिलाएं हैं.

श्रुति और अंकिता दोनों ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अपनी ग्रैजुएशन की पढ़ाई की है. अंकिता ने अर्थशास्त्र में ग्रैजुएशन करने के बाद एक निजी फर्म में प्रवेश लिया, केवल एक साल के भीतर नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.

श्रुति ने पोस्ट ग्रैजुएशन के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में दाखिला लिया, लेकिन बाद में पढ़ाई छोड़ दी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एडमिशन लेकर वहां पढ़ाई करने लगीं.

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उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया की आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की, जो अल्पसंख्यकों, एससी, एसटी और महिला उम्मीदवारों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करती है.

2020 में, एक विवाद से भी इस एकेडमी का नाता रहा है, जिसने इसे तथाकथित ‘यूपीएससी जिहाद’ या मुसलमानों को सिविल सेवा में कथित साजिश के स्रोत के रूप में पेश करने की मांग की थी.

गामिनी पंजाब यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट हैं.

‘परीक्षा क्रैक करने को लेकर आश्वस्त’

दिप्रिंट से बात करते हुए श्रुति ने कहा कि उन्हें अपनी सफलता पर पूरा भरोसा था, लेकिन यह नहीं सोचा था कि वह टॉप करेंगी.

उन्होंने कहा, ‘पहली रैंक आना मेरे लिए एक आश्चर्य की बात है और इसका श्रेय जामिया अकादमी को जाता है, जहां मैंने परीक्षा की तैयारी की.’ वह पिछले कुछ वर्षों से तैयारी कर रही थी और परीक्षा में यह उसका दूसरा प्रयास था.

अकादमी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, जामिया अकादमी में श्रुति सहित अब तक 500 से अधिक सेवारत सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है. 2021 की आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, आरसीए में प्रशिक्षित 220 छात्रों ने 10 वर्षों में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है. अकादमी ने कहा है कि इस साल उनके 23 छात्रों का यूपीएससी के लिए चयन हुआ है.

जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने श्रुति को बधाई दी और सोमवार को उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनसे मिलने गईं.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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