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जम्मू-कश्मीर में भी मेट्रो चलाने की योजना, आज निर्मला सीतारमण राज्यसभा में सप्लीमेंट्री मांगें पेश करेंगी

भारी हंगामे के बीच सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का 1.18 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण । पीटीआई

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को राज्यसभा में 2022-23 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संबंध में सप्लीमेंट्री मांगें पेश करेंगी.

वहीं निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का 1.18 लाख करोड़ रुपये का बजट भी पेश किया.

भारी हंगामे के बीच सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का 1.18 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. सीतारमण ने इस दौरान कश्मीर को सौगात देते हुए कहा कि कश्मीर 2023 के अंत तक रेल से जुड़ सकती है और सरकार अगले वित्त वर्ष में जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो रेल लाने की योजना बना रही है.

जे एंड के को दिए गए बजट में घाटी के ग्रामीण क्षेत्रों में घरों और 18.36 लाख परिवारों को साफ पानी के लिये हर घर नल लगाने पर जोर दिया गया है. बजट में प्रदेश की जीडीपी पांच साल में दोगुना करने का आश्वासन भी दिया है. इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण के साथ साथ कृषि को बढ़ावा देने, निवेश और औद्योगिक विकास को सुगम बनाने, रोजगार सृजन, त्वरित विकास और समावेशी विकास और महिला सशक्तिकरण व सामाजिक समावेश पर जोर दिया .

लोकसभा और राज्यसभा दोनों सोमवार को विपक्षी सदस्यों के विरोध के कारण हंगामे के बीच जहां स्थगित कर दी गई थी वहीं मंगलवार को भी लोकसभा दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई जबकि राज्यसभा में आरआरआर और दएलिफेंट व्हिलस्पर्स को मिले ऑस्कर सम्मान के लिए बधाईयों का दौर चला.  बता दें कि बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार और विपक्षी पार्टियां आमने सामने हैं क्योंकि लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा था भारत में लोकतंत्र को दबाया जा रहा है. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता राहुल गांधी से लंदन में उनके भाषण पर माफी मांगने की मांग कर रहे हैं.

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रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग 26 बिल वर्तमान में राज्यसभा में और नौ के करीब लोकसभा में पारित होने के लिए लंबित हैं.

सरकार बहुत समय से रुकी हुई पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल आगामी सत्र में ला सकती है.

राज्यसभा में लंबित बिल में से तीन विधेयक पहले ही लोकसभा द्वारा पारित किए जा चुके हैं, अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, 2019, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022, और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022.

विपक्ष के हंगामे के बीच कल सदन को दूसरी बार स्थगित किया गया था जबकि मंगलवार को भी सदन में लगातार हंगामा चल ही रहा है.


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