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असम सीमा के करीब रहने वाले किसान गंभीर संकट में, मिजोरम सरकार सुरक्षा दे: ZPM

दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद लंबे समय से जारी है. पिछले साल जुलाई में वैरेंगटे गांव के पास विवादित इलाके में दोनों राज्यों की पुलिस के बीच गोलीबारी हो गई थी.

असम-मिजोरम सीमा पर कुलीचेरा में मिजोरम पुलिस चौकी/प्रवीण जैन/दिप्रिंट

आइजोल: मिजोरम की मुख्य विपक्षी पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने सोमवार को राज्य सरकार से झाड़ू घास किसानों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने का आग्रह किया.

एक बयान में पार्टी ने कहा कि असम से सटी सीमा की विवादित भूमि वैरेंगटे के पास ऐटलांग क्षेत्र में झाड़ू घास की खेती करने वाले कई किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनके खेत अब भी असम पुलिस के ‘कब्जे’ में हैं.

इसमें कहा गया है कि जब तक उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं की जाती तब तक किसान अपनी उपज की कटाई नहीं कर पाएंगे.

इसमें कहा गया है कि ऐटलांग क्षेत्र में पिछले साल जून से असम पुलिस और मिजोरम पुलिस ने आमने-सामने डेरा डाला हुआ है.

जेडपीएम ने यह भी आरोप लगाया कि कोलासिब जिले के विवादित क्षेत्रों में से एक सैहापुई ‘वी’ गांव के सुपारी किसानों को असम पुलिस ने फसल काटने की अनुमति नहीं दी.

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पार्टी ने सरकार से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने को कहा ताकि वो अपनी उपज की स्वतंत्र रूप से कटाई कर सकें.

दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद लंबे समय से जारी है. पिछले साल जुलाई में वैरेंगटे गांव के पास विवादित इलाके में दोनों राज्यों की पुलिस के बीच गोलीबारी हो गई थी जिसमें असम के छह पुलिस कर्मियों और एक आम नागरिक की जान चली गई थी.


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