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पंजाब में ‘संपूर्ण क्रांति दिवस’ मना रहे किसानों ने BJP नेताओं के घरों के सामने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं

काला झंडा थामे किसानों ने इन कानूनों को वापस नहीं लिए जाने को लेकर भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

किसान बिल के खिलाफ पंजाब के किसानों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन किया, प्रतीकात्मक तस्वीर/ फाइल फोटो

चंडीगढ़: किसानों ने शनिवार को पंजाब में भाजपा नेताओं के आवास के पास और अन्य स्थानों पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलायीं. पिछले साल कृषि कानूनों से जुड़े अध्यादेश लागू होने के दिन को किसान ‘संपूर्ण क्रांति दिवस’ के तौर पर मना रहे हैं.

काला झंडा थामे किसानों ने इन कानूनों को वापस नहीं लिए जाने को लेकर भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि इन कानूनों से कृषक समुदाय ‘बर्बाद’ हो जाएगा.

कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदर्शन स्थलों के आसपास पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी और बैरिकेड लगाए गए.

संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के खिलाफ ‘संपूर्ण क्रांति दिवस’ का आह्वान किया था.

फगवाड़ा में अर्बन एस्टेट में किसानों ने केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश के आवास के पास कृषि कानूनों की प्रतियों में आग लगा दी. प्रदर्शनकारी जीटी रोड के पास जमा हुए और केंद्रीय मंत्री के आवास की ओर निकले.

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प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए प्रकाश के आवास की तरफ जाने वाली सड़क पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे थे. विरोध के समय प्रकाश आवास पर नहीं थे.

किसानों ने मोहाली जिले में प्रकाश के आवास के पास भी प्रदर्शन किया. किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे थे.

चंडीगढ़ में भी किसानों ने प्रदर्शन किया.

पिछले साल अध्यादेश के तौर पर लागू होने के बाद संसद ने सितंबर में कृषि विधेयकों को मंजूरी दी. इसके बाद राष्ट्रपति ने इन विधेयकों को मंजूरी दे दी थी.

तमिलनाडु में किसानों ने तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की, उनकी प्रतियां जलायी

तमिलनाडु के किसान संगठन विवासायिगल संगम के सदस्यों ने एक साल पहले केंद्र द्वारा बनाये गए तीन कृषि कानूनों की प्रतियां शनिवार को जलाते हुए उन्हें रद्द करने की मांग की.

राज्य के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने चेहरे पर मास्क पहनकर और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए छोटे-छोटे समूहों में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया.

देशभर में किसानों के साल भर लंबे प्रदर्शन और नयी दिल्ली में आंदोलन के दौरान उनके बलिदानों को याद करते हुए संगम के प्रदेश महासचिव पी षडमुगम ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से विधानसभा में इन कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री ने कृषक समुदाय के कल्याण के लिए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए हाल ही में केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. स्टालिन को जल्द ही विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए.’

चेन्नई के समीप तम्बरम में षडमुगम के नेतृत्व में 15 लोगों ने कानूनों की प्रतियां जलाई.

इसके तुरंत बाद पुलिसकर्मियों ने पानी डालकर आग बुझायी.

षडमुगम ने कहा कि उनका प्रदर्शन पांच जून को हो रहा है जिस दिन 2020 में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अध्यादेश लागू किए थे.

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि तिरुवरुर, तंजावुर और नागपत्तिनम जैसे कुछ जिलों में भाकपा और माकपा ने उन्हें समर्थन दिया है.

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