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निजी क्षेत्र के उद्योग को हथियार प्रणालियों के उत्पादन में समान अवसर दिया जाना चाहिए: भदौरिया

नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख आर के एस भदौरिया ने बुधवार को कहा कि देश को स्वदेशी हथियार प्रणाली बनाने में मदद करने के लिए निजी क्षेत्र के उद्योग को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ समान अवसर दिया जाना चाहिए।

पूर्व वायु सेना प्रमुख यहां प्रथम बिपिन रावत स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। भदौरिया ने कहा, ‘‘जनरल रावत आत्मनिर्भरता के बड़े पैरोकार थे। उनका कहना था कि युद्ध की स्थिति में हम स्वदेशी हथियारों से ही जीत पाएंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निजी क्षेत्र के उद्योग को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ समान अवसर दिया जाना चाहिए ताकि देश को अपने लिए स्वदेशी हथियार प्रणाली तैयार करने में मदद मिल सके।’’

पूर्व वायु सेना प्रमुख ने देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को परिभाषित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिमाग में, सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र यह समझना है कि हम वास्तव में क्या चाहते हैं और हमें क्या लक्ष्य रखना चाहिए और फिर अंततः यह परिभाषित करने में सक्षम होना चाहिए कि आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए क्या आवश्यक है।’’

भदौरिया ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि आज ऐसा कोई होगा जो आत्मानिर्भरता की आवश्यकता और महत्व से सहमत नहीं होगा, लेकिन जहां तक रक्षा का संबंध है, हम आत्मानिर्भरता से क्या चाहते हैं, उसे हमें परिभाषित करने की आवश्यकता है। मेरा मानना है कि यह संपूर्ण डिजाइन और विकास करने की क्षमता है जो आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारा अगला चरण होना चाहिए।’’

भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के 11 अन्य जवानों की दिसंबर में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास सैन्य हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

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