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कोटा की सदियों पुरानी लघु चित्रकला को बचाने की कोशिश जारी

कोटा (राजस्थान) 24 नवंबर (भाषा) एक युवा आभूषण डिजाइनर और एक स्वतंत्र कलाकार का नाम उन लोगों की सूची में शुमार है जो कोटा की सदियों पुरानी लघु (मिनिएचर) चित्रकला अपने आधुनिक पेशों में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

कोटा के पूर्व शाही परिवार की ओर से संचालित राव माधो सिंह संग्रहालय ट्रस्ट द्वारा सिटी पैलेस में आयोजित 10 दिवसीय ‘कोटा मिनिएचर आर्ट वर्कशॉप’ में हिस्सा लेने पहुंचे लोगों ने कहा कि उन्हें इस तकनीक को अच्छे से समझना होगा और काफी अभ्यास करना होगा तभी वे इसमें महारथ हासिल कर पाएंगे।

आभूषण डिजाइनर वरुण सिसोदिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ लघु चित्रकला में काफी बारीकियां हैं। मैं गहने डिजाइन करने में ‘ऑयल कलर’ का इस्तेमाल करता हूं और अब गहनों पर लघु चित्रकारी करने को उत्साहित हूं।’’

सिसोदिया ने कहा कि वह मोहम्मद लुकमान (65) के काम से काफी प्रभावित हुए, जिन्होंने कार्यशाला का नेतृत्व भी किया।

केमिकल इंजीनियर पारुल जैन ने बताया कि जब वह पहली बार सिटी पैलेस गईं तो इस कला से काफी प्रभावित हुईं। इसलिए उन्होंने खाली समय में सामान पर लघु चित्रकारी को आजमाने की ठानी।

कलाकार मनदीप साहनी ने कहा, ‘‘ कार्यशाला में मुझे लघु कला के विभिन्न आयामों के बारे में सीखने का मौका मिला। ’’

कोटा के पूर्व शाही परिवार के वंशज जयदेव सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य अगली पीढ़ी को इस कला के बारे में जानकारी देना है क्योंकि लघु चित्रकला के कलाकारों की संख्या घट रही है।

भाषा निहारिका अविनाश

अविनाश

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