नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) ने शनिवार को कहा कि उसने विश्व फर्नीचर परिसंघ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते के तहत फर्नीचर बनाने के लिए देश में आधुनिक औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किए जाने हैं। फर्नीचर के लगभग 250 अरब अमेरिकी डॉलर के वैश्विक बाजार में भारत की बहुत कम हिस्सेदारी है।
यूरोपीय संघ (ईयू) और चीन लगभग 100 अरब अमेरिकी डॉलर का फर्नीचर निर्यात करते हैं। सिर्फ अमेरिका 72 अरब अमेरिकी डॉलर के फर्नीचर का आयात करता है और वह सबसे बड़ा आयातक है।
टीपीसीआई के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि भारत के लिए निर्यात को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने का एक बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि इस एमओयू के जरिए दुनिया के प्रमुख फर्नीचर विनिर्माताओं के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि एमओयू के तहत भारत में फर्नीचर औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करने के लिए वैश्विक निकाय और टीपीसीआई के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ”हमारे पास पर्याप्त जमीन, सबसे किफायती कुशल श्रम और सहायक लॉजिस्टिक तथा गोदाम जैसे बुनियादी ढांचे हैं। भारत को अमेरिकी बाजार में फर्नीचर के निर्यात के लिए सभी उत्पादों पर शून्य शुल्क की सुविधा हासिल है।”
इस समय भारतीय फर्नीचर उद्योग काफी हद तक असंगठित है और मुख्य रूप से केवल हाथ से बने फर्नीचर पर जोर दिया जाता है।
सिंगला ने कहा, ”इस सहयोग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आएगा, भारत के फर्नीचर निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।”
भाषा पाण्डेय
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