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कर बचत के ‘माध्यमों’ से बचत सिर्फ चार लाख करोड़ रुपये : राजस्व सचिव

नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) कर बचत के माध्यमों से परिवारों की बचत 16 लाख करोड़ रुपये की कुल बचत का सिर्फ चार लाख करोड़ रुपये है। ऐसे में नई कर व्यवस्था की ओर जाने से देश की बचत दर को कोई खतरा नहीं है। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि आज घरेलू बचत देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 27-30 प्रतिशत है और बजट में घोषित योजनाओं (‍विशेषकर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए) से देश की बचत दर बेहतर करने में मदद मिलेगी।

मल्होत्रा ने बजट के आयोजित भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में कहा, “मैं इस पर भी ध्यान दिलाना चाहूंगा कि कर मुक्तता से होने वाली बचत वास्तव में देश की कुल बचत का बहुत छोटा अंश है, जो परिवारों के लिए 25 लाख करोड़ रुपये है। कर बचाने के माध्यमों से बचत सिर्फ चार लाख करोड़ रुपये है। आप जानते हैं कि लोग अब माध्यमों में निवेश कर रहे हैं।”

करदाताओं को कर मुक्तता रहित कर प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए बजट 2023-24 में नई वैकल्पिक कर व्यवस्था पेश की गई है, जिसके अंतर्गत सात लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा।

नई कर प्रणाली में करदाता 50,000 रुपये की मानक कटौती का दावा भी कर सकेंगे। इस कदम को वेतनभोगी वर्ग को नई कर प्रणाली की ओर आकर्षित करने का कदम माना जा रहा है।

भाषा अनुराग अजय

अजय

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